खेतों में फाने जलाने से घुट रहा लोगों का दम
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: खेतों में फाने जलाने से पैदा हो रहे प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। यह जहरीला धुआं जहां आम लोगों की आंखों में जलन पैदा कर रहा है वहीं सांस के मरीजों का इससे दम घुटने लगा है। अस्पताल में सांस के मरीजों की तादाद बढ़ गई है और लोग खांसी, जुकाम से पीड़ित अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इन बीमारियों के चलते सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी लगातार बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य पर हो रहा है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: खेतों में फाने जलाने से पैदा हो रहे प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। यह जहरीला धुआं जहां आम लोगों की आंखों में जलन पैदा कर रहा है वहीं सांस के मरीजों का इससे दम घुटने लगा है। अस्पताल में सांस के मरीजों की तादाद बढ़ गई है और लोग खांसी, जुकाम से पीड़ित अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इन बीमारियों के चलते सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी लगातार बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य पर हो रहा है।
जिले में किसानों की अज्ञानता व लापरवाही के चलते खेतों में खड़े फानों को जलाया जा रहा है, जिससे पर्यावरण में जहर घुल रहा है। इसके कारण सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) का स्तर बढ़ने लगा है। इससे लोग एलर्जी, सांस और आंखों की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। सांस से पीड़ित मरीजों को छाती में दर्द, सिर में दर्द की तकलीफ से जूझना पड़ रहा है। बहुत से लोगों को आंखों में खुजली, जलन होने लगी है, जिसको लेकर अस्पताल में आंखों के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। यहां तक कि आम लोगों को भी रात होते ही सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। सांस के मरीज रखें अपना ख्याल
छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. एनके झांब ने बताया कि फानों के धुएं का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव सांस के मरीजों पर पड़ता है। इस दौरान सांस के मरीज मुंह ढक कर ही बाहर निकलें। इसके अलावा अल सुबह और सांय को घर से बाहर न निकलें। इस दौरान खेतों में लगी आग से धुआं उठता रहता है। सांस के मरीज इन दिनों अपना खास तौर पर ख्याल रखे। आंखों के मरीजों की बड़ी तादाद
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिता ने बताया कि आंखों में जलन, खुजली वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। रात के समय आजकल धुआं छा जाता है, जिसकी वजह से लोग आंखों के इन्फेक्शन से बीमार हैं। ज्यादा दिक्कत होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच कराएं।