तंत्र के गण : अशिक्षित व मजदूर को अधिकार दिला रही सुदेश कुमारी
अधिवक्ता सुदेश कुमारी अशिक्षितों व मजदूर को उनके अधिकार दिलाने में सहायता कर रही हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सैकड़ों महिलाओं को न्याय दिला चुकीं अधिवक्ता सुदेश कुमारी किसी के भी समानता के अधिकार का हनन होते नहीं देख सकतीं। जब कोई अशिक्षित व मजदूर अधिकारों से वंचित हो जाता है तो वे उन्हें न्याय दिलाने के लिए उनके पास पहुंच जाती हैं। झांसा में छात्र-छात्रा की मौत के मामले में वे पीड़ित परिवार के साथ खड़ी हुई। दो एसआइटी की जांच के बाद भी जब स्वजन संतुष्ट नहीं हुए तो उनकी मांग को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया। सुदेश कुमारी पीड़ितों को न्याय दिलाने के बाद ही पीछे हटती हैं। इसलिए उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता बनने के बाद कानून की पढ़ाई की, ताकि वे अदालत में ऐसे लोगों को न्याय दिला सकें। ऐसे न जाने कितने ही मामले होंगे, जिनमें उन्होंने लोगों को बिना कोई खर्च लिए न्याय दिलाया है।
अधिवक्ता सुदेश कुमारी का कहना है कि समानता का अधिकार देश के संविधान में सभी के लिए निहित है। लेकिन अशिक्षित और मजबूर लोगों को हर कोई दबाने का प्रयास करता है। उनकी आवाज को बुलंद होने नहीं दिया जाता। अपराध समाज के खिलाफ है। चाहे कोई भी अपराधी हो, मगर इसका असर समाज पर पड़ता है। ऐसे में लोगों को कानून की सही जानकारी होना बेहद जरूरी है। मगर आज भी समाज में अशिक्षित व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं है। जो भी पीड़ित उनके पास आता है वे उनका सही मार्गदर्शन कर उन्हें कानूनी सलाह देती हैं। अगर किसी का पक्ष अदालत में भी रखना है वे उसके लिए भी हमेशा तैयार रहती हैं। सुदेश कुमारी का कहना है कि जब भी उनके पास कोई मदद के लिए आता है तो वे उसकी हर संभव मदद कर सही मार्ग बताती हैं। ताकि उनके अधिकारों का हनन न हो।