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विकास की गतिशीलता के लिए स्टार्टअप बहुत जरूरी : प्रो. त्रिपाठी

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआइईटी संस्थान में टीक्यूप तृतीय के सौजन्य से 36 घंटे लगातार हैक्काथान पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक प्रो. सीसी त्रिपाठी ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के मार्गदर्शन में स्टार्टअप कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए देश के अग्रणी तकनीकी संस्थानों में यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 06:50 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:50 AM (IST)
विकास की गतिशीलता के लिए स्टार्टअप बहुत जरूरी : प्रो. त्रिपाठी
विकास की गतिशीलता के लिए स्टार्टअप बहुत जरूरी : प्रो. त्रिपाठी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआइईटी संस्थान में टीक्यूप तृतीय के सौजन्य से 36 घंटे लगातार हैक्काथान पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक प्रो. सीसी त्रिपाठी ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के मार्गदर्शन में स्टार्टअप कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए देश के अग्रणी तकनीकी संस्थानों में यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। देश में विकास को गतिशीलता प्रदान करने के लिए स्टार्टअप कार्यक्रम बहुत जरूरी है। इस ड्राइव की ओर से विद्यार्थी डिजीटल इंडिया व ई-बिजनेस कार्यक्रमों को गतिशीलता प्रदान कर अपना अहम योगदान दे सकेंगे। इसके साथ ही स्टार्टअप को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि इस हैक्काथान के अंतर्गत विद्यार्थी किसी भी उत्पाद को तैयार करने में अपना आइडिया दे सकते हैं। इस आइडिया के उत्पाद को बड़े स्तर पर ले जाने की प्रक्रिया को स्टार्टअप का नाम दिया गया है। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि लगातार 36 घंटे आइडिया पर काम करना विद्यार्थियों के लिए बड़ा कठिन व मेहनत का कार्य होता है।

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हैक्काथान के संयोजक डॉ. निखिल मारीवाला ने बताया कि इस कार्यशाला में देश के विभिन्न तकनीकी संस्थानों से 262 प्रतिभागियों कि 60 टीमों ने अपना आइडिया देकर आनलाइन स्टार्टअप का डेमो दिया। जिसमें से 30 टीमें फाइनल राउंड में पहुंची। इस कार्यशाला में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश व अन्य संस्थानों से 23 टीमें हिस्सा ले रही है। मारीवाला ने यह भी बताया कि 36 घंटे की लगातार कार्यशाला में किसी भी विद्यार्थी को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसलिए सभी संसाधन यूआइईटी में ही उपलब्ध कराए गए। इस कार्यशाला को सफल बनाने के लिए छात्र समन्वयक मोहित शर्मा के साथ सत्यम, मुस्कान, रोहित, अर्पित, प्रिया, राधिका ने अपना पूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर संस्थान के साथ नेहा, दुग्गल, कृष्ण पांडे ने अपना दायित्व निभाया।


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