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भारतीय ¨हदू संस्कृति में ¨हदू नववर्ष विक्रमी संवत का विशेष महत्व : योगेश शर्मा

संवाद सहयोगी, बाबैन : ¨हदू नववर्ष विक्रमी संवत 2075 राजकीय प्राथमिक पाठशाला बरगट थलीपुर में

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 01:37 AM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 01:37 AM (IST)
भारतीय ¨हदू संस्कृति में ¨हदू नववर्ष विक्रमी संवत का विशेष महत्व  : योगेश शर्मा
भारतीय ¨हदू संस्कृति में ¨हदू नववर्ष विक्रमी संवत का विशेष महत्व : योगेश शर्मा

संवाद सहयोगी, बाबैन : ¨हदू नववर्ष विक्रमी संवत 2075 राजकीय प्राथमिक पाठशाला बरगट थलीपुर में धूमधाम से मनाया गया। मुख्य शिक्षक योगेश शर्मा आर्य के नेतृत्व में बच्चों, अभिभावकों व एसएमसी के सदस्यों ने विद्यालय में हवन कर एक दूसरे को नववर्ष की बधाई दी। मुख्य शिक्षक योगेश शर्मा आर्य ने बच्चों व अभिभावको को संबोधित करते हुए कहा कि भारत वर्ष में प्राचीन काल से चली आ रही कालगणना आज के दिन से ही शुरु हुई थी। भारतीय ¨हदू संस्कृति के अनुसार इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि भारत के सभी सांवतर इसी दिन से शुरु होते है। आदिदेव ब्रह्मा जी ने आज के दिन ही एक अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हजार 119 वर्ष पूर्व सृष्टि की संरचना की थी। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि आज के दिन ही स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना कर भारतीय समाज को पाखंड़ों के खिलाफ लड़ने के लिए नई एक दिशा देने का काम किया था। हमें अपनी पुरानी संस्कृति व सभ्यता का ज्ञान होना चाहिए, क्योंकि इसकी मिशाल पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलती है। बच्चों ने मर्यादा पुरुषोतम श्री राम व भगवान योगीराज श्री कृष्ण जी के उद्घोष के नारे भी लगाए। इस अवसर पर अध्यापिका शिवाक्षी, प्रधान सुरजीतसैनी, मान ¨सह, सोनत, मंजू देवी, पालो देवी, उषा, सुषमा, रुलदा राम, रानी उपस्थित थे।

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