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पंजाबी भाषा के बहिष्कार पर शिरोमणि अकाली दल ने जताई आपत्ति

कुरुक्षेत्र। शिरोमणि अकाली दल हरियाणा की महिला विग की प्रदेश अध्यक्ष बीबी रविद्र कौर अजराना ने जम्मू-कश्मीर की अधिकारिक भाषाओं से पंजाबी भाषा के बहिष्कार पर कड़ी आपत्ति जताई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 07:10 AM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 07:10 AM (IST)
पंजाबी भाषा के बहिष्कार पर शिरोमणि अकाली दल ने जताई आपत्ति

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : शिरोमणि अकाली दल हरियाणा की महिला विग की प्रदेश अध्यक्ष बीबी रविद्र कौर अजराना ने जम्मू-कश्मीर की अधिकारिक भाषाओं से पंजाबी भाषा के बहिष्कार पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि पंजाबी न केवल जम्मू-कश्मीर राज्य के एक बड़े हिस्से की मातृभाषा थी, बल्कि इसे जम्मू और कश्मीर के संविधान में भी मान्यता प्राप्त थी। इसके बावजूद, पंजाबी भाषा के खिलाफ भेदभाव की खबरें समझ से परे हैं।

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बीबी रविद्र कौर धर्मनगरी के गुरुद्वारा बैकुंठधाम में पार्टी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल से अपील की कि वे राज्य की अधिकारिक भाषा के रूप में पंजाबी की स्थिति को बहाल करें। बीबी अजराना ने कहा कि अकाली दल ने हमेशा पंजाबियों की मातृभाषा के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी है और भविष्य में भी ऐसा करने से नहीं कतराएंगे। पंजाबी भाषा का सिख समुदाय के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में अधिकारिक भाषाओं से पंजाबी का बहिष्कार अल्पसंख्यक विरोधी कदम के रूप में देखा जा रहा है और इसे निश्चित रूप से जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा सिख विरोधी कदम के रूप में देखा जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के फैसले उन प्रचारकों के लिए खतरनाक गोला-बारूद साबित हो सकते हैं, जो हमेशा देश के संवेदनशील सीमावर्ती राज्यों, खासकर पंजाब और जम्मू-कश्मीर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के अवसरों की तलाश में रहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पंजाब और उसके पड़ोसी राज्यों जैसे हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर को एक विशेष दर्जा प्राप्त है और इसलिए किसी भी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा


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