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कार्यशाला के अनुभव को स्कूल में जाकर सांझा करें सभी शिक्षक : आरावकर

विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के संगठन सचिव श्रीराम आरावकर ने कहा कि कार्यशाला के अनुभवों को सभी शिक्षक स्कूल में जाकर बच्चों के साथ सांझा करें। इन अनुभवों को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाना जरूरी है। इन्हें नई पीढ़ी तक पहुंचाने पर इस कार्यशाला का उद्देश्य सफल हो पाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 06:40 AM (IST)Updated: Mon, 10 Jun 2019 06:40 AM (IST)
कार्यशाला के अनुभव को स्कूल में जाकर सांझा करें सभी शिक्षक : आरावकर
कार्यशाला के अनुभव को स्कूल में जाकर सांझा करें सभी शिक्षक : आरावकर

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के संगठन सचिव श्रीराम आरावकर ने कहा कि कार्यशाला के अनुभवों को सभी शिक्षक स्कूल में जाकर बच्चों के साथ सांझा करें। इन अनुभवों को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाना जरूरी है। इन्हें नई पीढ़ी तक पहुंचाने पर इस कार्यशाला का उद्देश्य सफल हो पाएगा। वह रविवार को विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में आयोजित चार दिवसीय संस्कृति बोध परियोजना अखिल भारतीय कार्यशाला के दूसरे दिन प्रश्न पत्र निर्माण एवं प्रश्न मंच से संबंधित किए गए कार्यों की समीक्षा अवसर पर संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि संस्कृति ज्ञान परीक्षा में प्रतिभागिता करने वाले छात्र-छात्राओं, अध्यापकों-अभिभावकों की प्रतिभागिता में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष बढ़ोतरी हुई है,ख लेकिन यह नाकाफी है। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कम से कम विद्या भारती से संबद्ध सभी विद्यालयों के छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक इसमें प्रतिभागिता करें। अभी यह आंकड़ा 20 लाख से ऊपर है, लेकिन सभी विद्यार्थियों के इसमें भाग लेने पर यह संख्या 40 लाख तक पहुंच सकती है। उन्होंने सभी क्षेत्रों से आए प्रतिनिधियों से अपने-अपने क्षेत्र की जानकारी भी ली। संस्थान के सचिव अवनीश भटनागर ने पुस्तकों एवं प्रश्नों में समसामयिक विषयों पर प्रश्न तैयार करने एवं आगामी सत्र के लिए पुस्तकों में नए तथ्य जोड़ने पर सभी के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने विद्या भारती अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव में आयोजित होने वाले संस्कृति ज्ञान प्रश्न मंच, पत्र वाचन, कथा-कथन प्रतियोगिता, तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता एवं इनमें सम्मिलित विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। संस्थान के निदेशक डॉ. रामेंद्र सिंह ने बताया कि संस्थान द्वारा संस्कृति ज्ञान परीक्षा कक्षा नौ एवं 10 के लिए ओएमआर सीट पर आयोजित करवाई गई थी। यह पूर्ण रूप से सफल रही है। इस अवसर पर शोध निदेशक डॉ. हिम्मत सिंह सिंहा ने भी देश भर से आए प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन किया।

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