अध्यात्म भारतवर्ष की सर्वश्रेष्ठ पहचान : शैलजा कवि
भारत रत्न गुलजारीलाल नंदा नीति एवं दर्शन शास्त्र केंद्र में साप्ताहिक कार्यक्रम में कन्याकुमारी स्वामी विवेकानंद केंद्र की जीवनवृत्ती शैलजा कवि का श्रीमद्भगवद गीत में त्रिगुण एवं मनुष्य जन्म विषयक व्याख्यान आयोजित किया गया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : भारत रत्न गुलजारीलाल नंदा नीति एवं दर्शन शास्त्र केंद्र में साप्ताहिक कार्यक्रम में कन्याकुमारी स्वामी विवेकानंद केंद्र की जीवनवृत्ती शैलजा कवि का श्रीमद्भगवद गीत में त्रिगुण एवं मनुष्य जन्म विषयक व्याख्यान आयोजित किया गया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा ने कार्यक्रम अध्यक्षता की। इस मौके पर मुख्य अतिथियों ने केंद्र के परिसर में औषधीय वृक्ष जिनमें हरड़, अमरनाथ तुलसी, उदुंबर तथा पारिजात का रोपण किया। पिछले 48 वर्षो से कन्याकुमारी एवं अन्य केंद्रों में स्वामी विवेकानंद के आदर्शो के आचरण एवं प्रचार के लिए आजीवन समर्पित मुख्य वक्ता ने अपना वक्तव्य मुंबई की इस ट्रेन दुर्घटना से टूटे टांग वाली उस लड़की की बात से शुरू किया। इसने अपने संकल्प से तीन वर्ष के अंदर एवरेस्ट चोटी पर विजय हासिल किया थी। यही तीन गुणों में सत्व गुण की पराकाष्ठा है। बाल मनोविज्ञान तथा मानवीय जीवन में सत्व, रज, एवं तम का निरूपण करते हुए तीनों के उन्होंने आवश्यक पक्ष को उजागर किया। गीता के त्रिगुण सिद्धांत का उपयोग मनुष्य के जीवन की वैज्ञानिक जानकारी है, उन्होंने स्वामी विवेकानंद के उदाहरण से समझाया। अध्यात्म भारतवर्ष की सर्वश्रेष्ठ पहचान है। अमेरिकी प्रवास के समय विवेकानंद के पाक शास्त्र, संगीत, नृत्य एवं समाज एवं राजनीति का गहरा परिचय दिया था। यह उनकी अध्यात्म प्रतिष्ठा एवं सत्व की वृद्धि के कारण हुआ। दर्शन शास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा ने हिदू अध्यात्म के आधार ग्रंथ के रूप में गीता में सम्मिलित गुण को व्यक्ति तथा समाज में प्रयोग करने के लिए आदर्श उपायों के उपयोग पर बल दिया।
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