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शाहाबाद नगर पालिका ने जारी किया टेंडर नोटिस, आरटीआइ एक्टिविस्ट ने डीसी को भेजी शिकायत

कोविड-19 की महामारी के लिए जारी लॉकडाउन में ही शाहाबाद नगर परिषद में टेंडर नोटिस जारी करने का खुलासा हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश बैंस ने इन टेंडर नोटिसों को जारी करने में नियमों की अनदेखी करने के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने अवैध कॉलोनियों में भी सड़क निर्माण के नोटिस जारी करते हुए सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाने की भी बात कही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 08:37 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 08:37 AM (IST)
शाहाबाद नगर पालिका ने जारी किया टेंडर नोटिस, आरटीआइ एक्टिविस्ट ने डीसी को भेजी शिकायत

कोविड-19 की महामारी के लिए जारी लॉकडाउन में ही शाहाबाद नगर परिषद में टेंडर नोटिस जारी करने का खुलासा हुआ है। आरटीआइ एक्टिविस्ट राकेश बैंस ने इन टेंडर नोटिसों को जारी करने में नियमों की अनदेखी करने के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने अवैध कालोनियों में भी सड़क निर्माण के नोटिस जारी करते हुए सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाने की भी बात कही है। इस अनदेखी को लेकर उन्होंने पूरे मामले की शिकायत डीसी कुरुक्षेत्र को भेजी है।

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राकेश बैंस ने डीसी कुरुक्षेत्र को भेजी शिकायत में कहा कि शाहाबाद में अवैध कालोनियों का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसका बड़ा कारण सरकारी विभागों के अधिकारियों की इनके साथ मिलीभगत है। उन्होंने बताया कि प्रॉपर्टी डीलरों ने कुछ समय पहले किशनगढ़ रोड पर सतलुज स्कूल के पीछे अवैध कालोनी बनाई थी। इसमें जनता को फंसाने के लिए मिट्टी की सड़कों का निर्माण कर उनके ऊपर गटका आदि गिराकर और बगैर किसी अनुमति के सीवर डालकर जनता को धूमाया जा रहा है। इसी प्रकार का कार्य अब नगर पालिका शाहाबाद ने अपने एक टेंडर में कार्य नंबर 4, कार्य नंबर 5 व कार्य नंबर 25 के तहत इन कालोनियों में सड़कें बनाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं।

मिली जानकारी में नगर पालिका के निर्माणाधीन दायरे में प्रॉपर्टी डीलरों ने सड़क के नीचे डालने वाला गटका (रोड़ा) पहले से डाला हुआ है। टेंडर छूटने के उपरांत ठेकेदार ने डाले गटके के ऊपर मात्र टाइलें लगाकर अपनी पेमंट लेनी है जबकि नगरपालिका शाहाबाद ने एक अन्य टेंडर में कार्य नई सड़क के निर्माण का दर्शाया है। इससे ठेकेदार मात्र टाइलें लगाकर टेंडर की शर्त अनुसार सड़क निर्माण का सारा कार्य एमबी बुक में दर्ज करवा सरकार को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि इस खेल में प्रॉपर्टी डीलरों और अधिकारियों के बीच मिलीभगत हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले टेंडर में कार्य नंबर 4 की अनुमानित लागत 7.60 लाख रुपये व कार्य नंबर 25 की अनुमानित लागत 7 लाख रुपये को दो हिस्सों में दर्शाया गया है। ताकि इसे प्रदान की शक्तियों के अनुरूप (10 लाख से नीचे) ही रखा जाए और यह मामला उच्च अधिकारियों से बचाया जा सके। उन्होंने अपनी शिकायत पत्र में कहा की इसी प्रकार के एक मामले के शिकायत 20 मार्च 2020 को सचिव नगर पालिका शाहाबाद को सौंपी गई थी। इस शिकायत पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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नगरपालिका प्रशासन का पक्ष :

नगरपालिका प्रशासन व वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सीवर पाइप बिछाने का कार्य नगरपालिका नहीं करती। बिजली सप्लाई का कार्य भी बिजली विभाग करता है। नगरपालिका की ओर से केवल रेवेन्यू रास्तों का निर्माण किया जाता है। सरकार के दिशा निर्देशानुसार अवैध कालोनी में कोई निर्माण कार्य नहीं किया जाता। नपा की ओर से निर्माण कार्य में एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया है, जो भी टेंडर लगाए गए हैं वह रेवेन्यू कार्ड के मुताबिक लगाए गए हैं। अभी तक कोई निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है और न ही कोई भुगतान। ऐसे में इस शिकायत का कोई औचित्य नहीं है।


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