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पुलिस की आंखों में धूल झोंक चल रहा नशे का कारोबार

-हाइवे पर नशे का सौदा फोटो- -पंजाब से दिल्ली की ओर जाने वाले टैंपो ट्रेवल्स की नहीं ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Mar 2018 12:37 AM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 12:37 AM (IST)
पुलिस की आंखों में धूल झोंक चल रहा नशे का कारोबार
पुलिस की आंखों में धूल झोंक चल रहा नशे का कारोबार

-हाइवे पर नशे का सौदा

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फोटो-

-पंजाब से दिल्ली की ओर जाने वाले टैंपो ट्रेवल्स की नहीं होती जांच

जतिन्द्र ¨सह चुघ, शाहाबाद : शाहाबाद में फैल रहे नशे के कारोबार में इस कस्बे के कुछ किलोमीटर के बाद साथ लगती पंजाब की सरहद भी है। हरियाणा की सीमा से सटे गांवों से नशे में संलिप्त युवा मोटरसाइकिलों पर ही आते-जाते हैं और आसानी से नशे की खरीद फरोख्त कर वापिस चले जाते हैं। इसी तरह पंजाब से आने वाले टैंपो ट्रेवल्स भी नेशनल हाइवे नंबर-एक के दोनों तरफ संचालित हो रहे ढाबों पर नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। इन वाहनों में पंजाब से यात्रियों को दिल्ली ऐयरपोर्ट ले जाते-लाते हैं और इन चालकों की कई ढाबा संचालकों के साथ पूरी सांठ-गांठ है। पुलिस इन वाहनों को इसलिए नहीं रोकती है कि संपन्न परिवारों के लोग व एनआरआइ सफर करते हैं। चालक उन्हीं ढाबों या होटलों पर रुकते हैं जिनके संचालकों से इनकी से¨टग है। नशे के साथ-साथ इनका खाना-पीना नि:शुल्क होता है। क्योंकि टैंपो ट्रेवल्स में अच्छे खासे यात्री होते हैं। ढाबा संचालक यात्रियों के लालच में इन चालकों की मांग को पूरा करते हैं।

कोड वर्ड में करते बात

सूत्रों की मानें तो नशा की मांग करने वाले व ढाबा संचालक कोड वर्ड में बात करते हैं। यह चालक ढाबों पर जाकर अफीम को कालीमाई, काली नागन, कड़क चाय और चूरापोस्त की मांग चूरी के रूप में करते हैं।

पुलिस भी नहीं करती जांच

टैंपो ट्रेवल्स में पंजाब के बड़े घरानों के लोग सफर करते हैं इसलिए जीटी रोड पर बनी पुलिस पोस्ट पर इनकी जांच नहीं हो पाती। पुलिस की नजर से बच निकलते हैं। एक चालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह अफीम की गोली खाने के बाद शेष बची अफीम को प्लास्टिक की पुड़िया में बांधकर जुराब में छुपा कर रखते हैं। इसी तरह ट्रक चालकों की भी ढाबा संचालकों के साथ पूरी से¨टग होती है। कई ट्रक चालक तो कई-कई दिन तक अपने ट्रक को ढाबों पर रोककर रखते हैं। सूत्रों की मानें तो वाहनों के पहियों से लेकर पेट्रोल की टंकियों तक में नशा छुपा लाया जाता है। लेकिन पुलिस की सख्ती न होने के कारण यह पुलिस की नजर से आसानी से बच निकलते हैं।

राजस्थान से आने वाले ट्रक भी सप्लाई का स्त्रोत

सूत्रों की मानें तो पंजाब के अलावा शाहाबाद क्षेत्र में राजस्थान से आने वाले भी नशे की सप्लाई का मुख्य स्त्रोत हैं। क्योंकि यह ट्रक पत्थर व अन्य सामान लाद कर यहां पहुंचते हैं तो उसकी आड़ में अच्छा नशा भी लेकर आते हैं और होटलों पर सप्लाई करते हैं। लेकिन पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद भी इनकी पोल नहीं खुल रही है।

एक ही तर्ज पर दर्ज होते हैं नशे के सभी मामले

हालांकि यह बात देखने में आई है कि पकड़े गए नशे के आरोपितों के खिलाफ सभी मामले दर्ज एक ही तर्ज पर होते हैं। जिसमें कि यह दिखाया जाता है कि पुलिस गश्त पर थी और अज्ञात व्यक्ति पैदल या मोटसाइकिल पर जा रहा था और पुलिस पार्टी को देखकर घबरा गया। शक के आधार पर पुलिस ने तालाशी ली तो उससे नशा मिला। तकरीबन सभी मामलों यही होता है। जोकि समझ से बाहर है।

क्या कहती है पुलिस

इस बारे में जब थाना प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंजाब की तरफ से आने वाले टैंपो ट्रेवल्स को शक होने पर जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे होटलों व ढाबों को चिन्हित किया जाएगा जहां पर ऐसे वाहन ज्यादा रुकते हैं।


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