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सेक्टर-17 का पार्क हो रहा अनदेखी का शिकार

चंडीगढ़ का सेक्टर 17 जिस तरह से अपनी चमक-दमक के लिए मशहूर है उसी तरह धर्मनगरी का सेक्टर-17 लोगों को अपनी ओर खींचता है। यहां लगभग सभी बड़ी कंपनियों के ब्रांडेड शोरूम के अलावा नामी कंपनियों के फास्ट फूट सेंटर भी हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 09:07 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 09:07 AM (IST)
सेक्टर-17 का पार्क हो रहा अनदेखी का शिकार

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : चंडीगढ़ का सेक्टर 17 जिस तरह से अपनी चमक-दमक के लिए मशहूर है, उसी तरह धर्मनगरी का सेक्टर-17 लोगों को अपनी ओर खींचता है। यहां लगभग सभी बड़ी कंपनियों के ब्रांडेड शोरूम के अलावा नामी कंपनियों के फास्ट फूट सेंटर भी हैं। इतना सब होने के बावजूद सेक्टर का एकमात्र पार्क अनदेखी का शिकार हो रहा है। पार्क में चलने के लिए बना पक्का पथ उबड़-खाबड़ और बुरी तरह से टूटा हुआ है। जो फव्वारा कभी इस पार्क की सुंदरता को चार चांद लगाता था, बंद होने के कारण उसमें मिट्टी भरनी पड़ी। सिटी का हार्ट कहे जाने वाले इस पार्क में लाइटों की उपयुक्त व्यवस्था तक नहीं है। शॉपिग करने के अलावा आसपास की कॉलोनियों से यहां टहलने के लिए आने वाले लोग परेशानी से जूझ रहे हैं।

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अव्यवस्था का आलम

फोटो संख्या : 15

शहर के मध्य में लाखों रुपये से बने सेक्टर-17 पार्क में अव्यवस्था का आलम है। प्रशासन की अनदेखी के चलते पार्क बेसहारा पशुओं की चारागाह बन कर रह गया है। पार्क में सुबह-शाम सैर करने के लिए आने वाले लोग भी बेहद परेशान हैं। सबसे सुंदर पार्क अव्यवस्था का शिकार हो गया। जब से यह पार्क बना है तब से ही इसमें देखरेख का अभाव रहा, जिसकी वजह से अब पार्क में टहलना भी मुश्किल हो गया है।

रामनाथ शर्मा, पूर्व डीएसपी न पेयजल की व्यवस्था न सफाई की

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सेक्टर-17 में कई कोचिग सेंटर हैं। जिन पर सैकड़ों विद्यार्थी कोचिग लेने के लिए आते हैं। मैं भी कोचिग लेने के लिए यहां नियमित रूप से आता हूं। बहुत बार बस में जल्दी आ जाता हूं तो कई बार जाने में देरी हो जाती है। इसलिए पार्क में बैठकर पढ़ने लगते हैं, मगर यहां न तो अच्छी सफाई व्यवस्था है और न ही पेयजल के लिए वाटर कूलर, जबकि पार्क विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई का अच्छा स्थान हो सकता है। मगर इसे व्यवस्थित कर नहीं रखा जाता।

राहुल, छात्र अनदेखी से बंद हो गए फव्वारे

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इस पार्क को भव्य रूप देने के लिए पार्क में रंग-बिरंगे फव्वारे लगाए गए थे। पार्क की सुंदरता को बढ़ाने के लिए यहां भव्य लाइटें भी लगाई गई थी, मगर अनदेखी की वजह से फव्वारे बंद हो गए। इन्हें दोबारा चलाया ही नहीं गया। बारिश का पानी एकत्रित होने के चलते जगह को भी भरवा दिया गया।

अंकित, छात्र पार्क में प्रवेश कर रहीं मोटरसाइकिलें

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पौधों को पानी देने के लिए कैंटर प्रवेश करने को लगाया गया बड़ा गेट खुला रहने से बच्चे मोटरसाइकिल के साथ पार्क में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे व्यवस्था बिगड़ रही है। इसके साथ ही वे पशु भी इसमें प्रवेश कर जाते हैं। इस गेट को बंद रखने के लिए जेई से फोन पर बात भी की गई है। नियमित सफाई में भी पेंच अटका है। प्रशासन ने जिस माली को तैनात कर रखा है वह पैदल पथ पर झाड़ू मारने से मना करता है और ठेकेदार के कर्मचारी इसे पार्क बताकर उसमें सफाई नहीं करते। हर बार अधिकारियों को फोन करके पार्क की सफाई करानी पड़ती है।

राजेश्वर गोयल, प्रधान, सेक्टर 17 सिटी सेंटर वेलफेयर एसोसिएशन


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