डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां नहीं आयुष्मान में शामिल
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आयुष्मान योजना के तहत अब हर बीमारी का इलाज स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान योजना के तहत अब हर बीमारी का इलाज स्वास्थ्य विभाग के अधिकृत अस्पतालों में मिल सकेगा ऐसा बिलकुल नहीं है। यह अधूरा सत्य है। क्योंकि डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का उपचार मरीज निजी अस्पताल में इस योजना के तहत उपचार नहीं कर सकते और अगर उपचार कराते हैं, तो इसका खर्च उन्हीं अपनी जेब से देना होगा। इसी तरह से बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं, जिनका उपचार इस योजना के अंतर्गत आने वाले मरीज निजी अस्पतालों में निश्शुल्क नहीं ले सकते। गर्मी में सबसे ज्यादा मरीज आते मच्छरजनित बीमारियों से प्रभावित गर्मी में जुलाई से नवंबर तक डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया की चपेट में बड़ी तादाद में लोग आते हैं। उनमें ज्यादातर मरीज इन्हीं बीमारियों के लक्षणों से प्रभावित होते हैं
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आयुष्मान योजना के तहत अब हर बीमारी का इलाज स्वास्थ्य विभाग के अधिकृत अस्पतालों में मिल सकेगा ऐसा बिलकुल नहीं है। यह अधूरा सत्य है। क्योंकि डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का उपचार मरीज निजी अस्पताल में इस योजना के तहत उपचार नहीं कर सकते और अगर उपचार कराते हैं, तो इसका खर्च उन्हीं अपनी जेब से देना होगा। इसी तरह से बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं, जिनका उपचार इस योजना के अंतर्गत आने वाले मरीज निजी अस्पतालों में निश्शुल्क नहीं ले सकते।
गर्मी में सबसे ज्यादा मरीज आते मच्छरजनित बीमारियों से प्रभावित
गर्मी में जुलाई से नवंबर तक डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया की चपेट में बड़ी तादाद में लोग आते हैं। उनमें ज्यादातर मरीज इन्हीं बीमारियों के लक्षणों से प्रभावित होते हैं। उस समय सरकारी अस्पताल में मरीजों को दबाव बढ़ जाता है और मरीजों के पास निजी अस्पतालों का रुख करना ही एकमात्र चारा बचता है। आयुष्मान योजना के तहत आने वाले लोगों को आस थी कि अब इस तरह की बीमारियों का इलाज भी वे निजी अस्पतालों में करा सकेंगे, मगर सरकार ने इसका इलाज केवल सरकारी अस्पतालों में ही निश्शुल्क रखा है।
प्रत्येक बीमारी में नहीं चलता आयुष्मान कार्ड
कुरुक्षेत्र नर्सिग होम एवं सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के संचालक डॉ. सुभाष ने बताया कि ऐसा ही है। डेंगू, मलेरिया और इस तरह की कई बीमारियों का उपचार आयुष्मान के तहत निजी अस्पतालों में नहीं है। उनके उपचार के लिए सरकारी अस्पतालों को ही शामिल किया गया है।
सीटी स्कैन कराने के लिए भेज दिया सरकारी अस्पताल
शहर निवासी जयचंद ने बताया कि उसने निजी में गले का इलाज कराने के लिए गए थे, मगर उसने कहा गया कि उसका यहां इलाज तो होगा, मगर सीटी स्कैन सरकारी अस्पताल में कराना होगा। सरकारी अस्पताल में भी शुल्क देना पड़ा।
दो सौ बीमारियों का है सरकारी अस्पताल में इलाज
उप सिविल सर्जन डॉ. एनपी ¨सह कहा कहना है कि 1300 बीमारियों में से दो सौ बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है। इन बीमारियों को इलाज सरकारी अस्पताल में हो रहा है।