Move to Jagran APP

सड़कों पर हादसों तो गोशालाओं में अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहे बेसहारा पशु

प्रशासन लगातार सड़कों से गोवंश हटाकर गोशालाओं में पर्याप्त प्रबंधों केदावे कर रहा है लेकिन हालात में बदलाव नहीं हो रहा है। शहर भर में झुंड बनाकर घूम रहे बेसहारा गोवंश आम देखे जा सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 07:01 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 07:01 AM (IST)
सड़कों पर हादसों तो गोशालाओं में अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहे बेसहारा पशु

विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : जिले भर में बनी 20 गोशालाओं में गोवंश की संख्या लगभग 10 हजार के पार पहुंच गई है। प्रशासन लगातार सड़कों से गोवंश हटाकर गोशालाओं में पर्याप्त प्रबंधों के दावे कर रहा है, लेकिन हालात में बदलाव नहीं हो रहा है। शहर भर में झुंड बनाकर घूम रहे बेसहारा गोवंश आम देखे जा सकते हैं। यही बेसहारा गोवंश सड़कों पर हादसों का शिकार हो रहे हैं तो कई गोशालाओं में इन पर अव्यवस्था भारी पड़ रही है। इसी अव्यवस्था के चलते समय-समय गायों के दम तोड़ने तक के मामले भी सामने आते रहते हैं। गांव मथाना के गोवंश धाम एवं अनुसंधान केंद्र में एक साथ कई गायों की मौत का मामला सामने आने के बाद हालात में बदलाव नहीं दिख रहे हैं।

loksabha election banner

कुरुक्षेत्र जिले में 20 के लगभग गोशालाएं हैं। इनमें से 17 पशुपालन विभाग की ओर से पंजीकृत भी की गई हैं। जबकि इससे अलग कई संस्थाओं की ओर से गोशालाएं चलाई जा रही हैं। प्रशासन की ओर से इन सभी गोशालाओं में गोवंश के लिए पर्याप्त प्रबंध होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी हालातों में सुधार नहीं हो रहा है। शहर भर में सड़कों पर बेसहारा गोवंश आम देखे जा रहे हैं। सड़कों बेसहारा गोवंश घूमने के चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं। हर दिन जिले भर में कहीं ना कहीं से बेसहारा पशुओं से वाहनों की दुर्घटना के मामले सामने आ रहे हैं। कई बार मामले सामने आने पर भी मथाना गोशाला के हालातों में नहीं हुआ सुधार

गांव मथाना के गोवंश धाम एवं अनुसंधान केंद्र में कई बार अव्यवस्थाओं के मामले सामने आते रहे हैं। साल 2017 में बरसात के चलते गोशाला में हुई दलदल में एक साथ 20 से अधिक गायों की मौत हो गई थी। उस समय प्रशासन की लापरवाही का मामला उजागर होने पर प्रदेश भर में फजीहत झेलनी पड़ी थी। इसके बाद भी आज तक गोशाला में पर्याप्त प्रबंध नहीं हो सके। पशु चिकित्सकों की कमी भी बड़ा कारण

गोशालाओं में गायों की अनदेखी का एक बड़ा कारण जिले में पशु चिकित्सकों की कमी भी है। पशु चिकित्सकों की कमी के चलते गोशालाओं में खड़े गोवंश को पर्याप्त उपचार नहीं मिल पाता है। बीमारी फैलने की स्थिति में भी चिकित्सक कई-कई दिनों तक उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। चिकित्सकों की यह कमी भी गोवंश की पीड़ा को बढ़ा रही है। कभी ठंड तो कभी गर्मी बनती परेशानी

जिले में बनी बड़ी गोशालाओं में कभी बढ़ती ठंड गोवंश पर भारी पड़ती है तो कभी चढ़ता पारा गायों की हालत बिगाड़ रहा है। कई गोशालाओं में बनाए गए बड़े-बड़े शेडों में गर्मी और सर्दी से बचाव के लिए कोई प्रबंध नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.