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आठ घंटे बिजली न मिलने से किसानों में सरकार के खिलाफ बढ़ता जा रहा रोष

संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : खेतों में ट्यूबवेलों पर नियमित आठ घंटे बिजली न मिलने से किसानों में

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 12:52 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 12:52 AM (IST)
आठ घंटे बिजली न मिलने से किसानों में सरकार के खिलाफ बढ़ता जा रहा रोष

संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद :

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खेतों में ट्यूबवेलों पर नियमित आठ घंटे बिजली न मिलने से किसानों में सरकार के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। आसपास के गांवों के किसान किसी भी समय हाइवे पर डट सकते हैं। ऐसे में प्रशासन की परेशानी बढ़ेगी। किसानों की मांग है कि बिजली निगम अभी सुधार कर ले। निगम अभी तक केवल टरकाने का ही काम करता आ रहा है।

क्षेत्र के बिजली निगम के गांव नैसी फीडर से जुड़े किसानों को चार दिन में 32 घंटे में से केवल नौ घंटे ही बिजली मिल पाई है, जबकि धान रोपण का काम जोरों पर चल रहा है। किसान प्रवीण कौशल, खजान नैन, श्रवण नैन और केहर ¨सह आदि ने बताया कि निगम से बार बार शिकायत करने पर भी समाधान नहीं किया जा रहा है। इन किसानों ने बताया कि निगम कर्मचारी कम होने का बहाना बनाकर इतिश्री कर रहा है। किसान जोगेंद्र, जितेंद्र और प्रदीप ने बताया कि बिजली की आंख मिचौली के चलते रात के समय अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। इन किसानों ने बताया कि बिजली के अघोषित कटों की भरमार रहती है। ऐसे में धान की नियमित ¨सचाई नहीं हो पा रही है। आसपास के छह गांवों के किसानों ने निगम कार्यालय पहुंचकर समस्या का रोना रोया। यह किसान एक बार तो हाइवे पर डटने लगे थे। किसानों ने भाकियू नेताओं से भी संपर्क बनाए रखा। निगम के कर्मचारियों ने जल्द सुधार का भरोसा दिलाया। गुस्साए किसानों ने प्रदेश सरकार को जमकर कोसा। चम्मू कलां से भाकियू नेता गुरनाम ¨सह फौजी ने कहा कि यदि निगम नहीं सुधरा तो हाइवे पर चारपाई डालकर किसान अनिश्चितकाल के लिए धरना देंगे।

गांवों में भी हालात बद से बदतर

खेतों की ¨सचाई के लिए ही नहीं आबादी के लिए भी बिजली की बड़ी किल्लत चल रही है। आसपास के तीस गांवों में कुछ घंटे के लिए ही बिजली आती है। जलबेहड़ा के अनवर खान ने बताया कि बिजली इतनी कम आती है कि इंवर्टर तक ठप्प होने लगे हैं। इससे महिलाओं व बच्चों को गर्मी से अधिक जूझना पड़ रहा है। खान ने बताया कि बिजली निगम केवल आश्वासनों तक सीमित हो कर रह गया है। खान ने कहा कि जगमग योजना केवल एक फ्लाप शो साबित हुई है।


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