ब्रह्मासरोवर के तट पर गीता के साथ गूंज रहीं कुरान की आयत
विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : ब्रह्मासरोवर का पवित्र तट, सामने सर्वेश्वर मंदिर, गीता के गूंजते श्लोक और नमाज अदा करता हुआ मुस्लिम श्रद्धालु।
विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : ब्रह्मासरोवर का पवित्र तट, सामने सर्वेश्वर मंदिर, गीता के गूंजते श्लोक और नमाज अदा करता हुआ मुस्लिम श्रद्धालु। यह दृश्य ब्रह्मासरोवर के तट पर जिसने भी देखा उसी के जहन में ¨हदू-मुस्लिम एकता व सद्भावना की तस्वीर उभर आई। गीता के श्लोकों के साथ ब्रह्मासरोवर तट पर कुरान की आयत भी गूंज रही है, जो अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में अनूठी मिसाल कायम कर रही है। सहारनपुर से आए रईस अहमद ने कहा कि वे मजहब और धर्म दोनों का आदर करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में जम्मू और कश्मीर, सहारनपुर देश भर के विभिन्न राज्यों से 150 से ज्यादा कलाकार आए हैं, जो अपनी शिल्पकला का प्रदर्शन सरस एवं क्राफ्ट मेले में कर रहे हैं। गीता जयंती के इस आयोजन में बड़ी तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग भी आए हैं। इन्हीं शिल्पकारों में सहारनपुर से रईस अहमद लकड़ी का सामान लेकर आए हैं। सुबह से देर रात तक समुदाय के लोग ब्रह्मासरोवर तट पर ही रहते हैं। दिन भर ब्रह्मासरोवर पर गीता का संदेश और मंत्रोच्चारण गुंजायमान रहता है। इसी दौरान नमाज अदा करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग ब्रह्मासरोवर तट पर बैठकर अपनी नमाज भी अदा करते हैं। सहारनपुर से आए रईस अहमद ने कहा कि मजहब और धर्म एक दूसरे से प्रेम करना सिखाता है। धर्मनगरी में उन्हें बहुत प्यार मिल रहा है। वे रोजाना ब्रह्मासरोवर पर पांच वक्त की नमाज अदा कर रहे हैं। हमें हर धर्म का सम्मान करना चाहिए। खुदा ने सब बंदों को समान बनाया है। ये अलग बात है कोई भगवान को मानता है और कोई खुदा को लेकिन मानवता सबसे बड़ा धर्म है। इसके लिए सबको तैयार रहना चाहिए। इस दौरान जिसने भी इस ²श्य को देखा वह देखता ही रह गया। बॉक्स
गीता हर मानव के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि गीता हर मानव के लिए है। भगवान श्रीकृष्ण ने इसका उच्चारण संपूर्ण मानव जाती के लिए किया है। इस तरह का ²श्य भारत में ही दिखाई दे सकता है। यह सद्भावना की तस्वीर है, जो धर्मनगरी से पूरे देश और विश्व में एक संदेश देती है।