आज से रत्नावली, दो हजार से अधिक कलाकार मचाएंगे धमाल
हरियाणा की संस्कृति का सबसे बड़ा महाकुंभ। अपने 33 वर्ष पूरे करके आज 34वें साल में प्रवेश कर रहा है। यह प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता का एक आइना है तो नए कलाकारों के लिए मंचों का एक समूह भी जहां वह अपने कौशल को तराशते हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : रत्नावली। हरियाणा की संस्कृति का सबसे बड़ा महाकुंभ। अपने 33 वर्ष पूरे करके आज 34वें साल में प्रवेश कर रहा है। यह प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता का एक आइना है तो नए कलाकारों के लिए मंचों का एक समूह भी, जहां वह अपने कौशल को तराशते हैं। दो नवंबर से पांच नवंबर तक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चलने वाले इस राज्य स्तरीय महोत्सव का उद्घाटन शनिवार को जलशक्ति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण मंत्रालय, राज्यमंत्री रत्नलाल कटारिया करेंगे। चार दिन के इस महोत्सव में 30 विधाओं में सभी जिलों के 2000 से अधिक कलाकार छह मंचों पर धमाल करेंगे।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पवन शर्मा ने बताया कि हरियाणा की कला एवं शिल्प को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए इस बार हरियाणा शिल्प ग्राम पंडाल बनाया गया है। हरियाणा के प्राचीन गांवों व उनकी अवधारणा को इस बार देखना है तो रत्नावली उसके लिए सबसे सुनहरा अवसर है। यह होगा रंगारंग धमाल
कार्यक्रम के तहत हरियाणवी आर्केस्ट्रा, सोलो डांस, हरियाणवी कोरियोग्राफी, सांग प्रतियोगिता, रागिनी प्रतियोगिता, ग्रुप सांग, मोनो एक्टिंग, ग्रुप डांस रसिया जैसी प्रतियोगिताएं होंगी। गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में गतका की विशेष प्रस्तुति रत्नावली के मंच के माध्यम से की जाएगी।
आज क्या होगा?
दो नवंबर को ऑडिटोरियम हॉल में हरियाणवी कोरियोग्राफी, हरियाणवी रीति-रिवाज, पाप सांग हरियाणवी, आरके सदन में हरियाणवी भजन, ड्यूट रागिनी, ओपन एयर थियेटर में सोलो डांस पुरूष, रागिनी, हरियाणवी पगड़ी, सांग प्रोफेशनल व क्रश हाल में बोहिया, फुलझड़ी, इंडी, पिड्डा,बंदरवाल प्रतियोगिता होगी। 47 टीमों ने कराया आनलाइन पंजीकरण
अब तक 47 से अधिक टीमों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं ने अपना पंजीकरण करवाया है। प्रो. तेजेन्द्र शर्मा ने कहा जिन टीमों ने आनलाइन पंजीकरण करवाया है, वे ही प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगी। 350 वालिटियर संभालेंगे कमान
रत्नावली को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग ने इस बार 350 से अधिक वालंटियर की टीम बनाई है। इस टीम की देखरेख में ही पूरे सांस्कृतिक महोत्सव को आयोजित किया जाएगा।