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रागिनी कलाकारों ने बांधा समां, बुजुर्गों ने लिया आनंद

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित रत्नावली समारोह में रागिनी कंपीटिशन में प्रदेश के जाने-माने कलाकारों ने रागिनी सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ओपन एयर थियेटर में आयोजित कार्यक्रम 11 बजे से सांय चार बजे तक चलता रहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 01:14 AM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 01:14 AM (IST)
रागिनी कलाकारों ने बांधा समां, बुजुर्गों ने लिया आनंद

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित रत्नावली समारोह में रागिनी कंपीटिशन में प्रदेश के जाने-माने कलाकारों ने रागिनी सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ओपन एयर थियेटर में आयोजित कार्यक्रम 11 बजे से सांय चार बजे तक चलता रहा। इतने लंबे समय तक चले कार्यक्रम में भी ओपन एयर थियेटर दर्शकों से खचाखच भरा रहा। कार्यक्रम में प्रदेश के जाने-माने रागिनी गायक रमेश कलावड़िया, बाली शर्मा, सुमित हरियाणवी व सरिता चौधरी ने अपने चीर परिचित अंदाज में सामाजिक मुद्दों से जुड़ी रागिनियां सुनाई।

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बाली शर्मा ने पंडित लख्मी चंद की प्रसिद्ध रागिनी तेरी झांकी के मैं गोला मारूं और बांद गोपिया शण का व अन्य रागिनी सुनाई। रमेश कलावड़िया ने श्रोताओं को देशभक्ति से ओतप्रोत और फिर भगवान शंकर और माता पार्वती की बातचीत के आधार पर बनाई रागिनी सुनाई। रमेश कलावड़िया ने बीच में चुटकुलों के माध्यम से खूब हंसाया। सरिता चौधरी ने भी सामाजिक मुद्दों और बेटियों की सामाजिक स्थिति पर रागिनी सुनाई। सुमित हरियाणवीं ने एतिहासिक रागिनी के माध्यम से कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।


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