भागवत कथा को अपने जीवन व व्यवहार में धारण करें : आचार्य रजनीश
संवाद सहयोगी, लाडवा : लाडवा के बाबा बंसी वाला वृद्धाश्रम में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के तीसरे दि
संवाद सहयोगी, लाडवा : लाडवा के बाबा बंसी वाला वृद्धाश्रम में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के तीसरे दिन कथा करते हुए बृहस्पतिवार की कथा में आचार्य रजनीश ने सूर्य वंश व चंद्र वंश की कथा सुनाते हुए भगवान श्री राम व भगवान श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया। कथा में कृष्ण जन्म धूमधाम से मनाया गया। आचार्य रजनीश ने कहा कि कथा की सार्थकता तब ही होती है, जब हम इसे अपने जीवन व व्यवहार में धारण कर निरंतर हरी स्मरण करते हुए अपना आत्म कल्याण करें। भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है, संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। अन्य युगों में मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं, जबकि कलियुग में कथा सुनने मात्र से प्राणी भवसागर से पार हो जाता है। भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। कृष्ण जन्म कथा के समय जैसे ही आचार्य रजनीश ने नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजन शुरू किया तो श्रोता भाव-विभार होकर नाचने लगे। परमपूज्य बाबा बंसी वाले ने कृष्ण जन्म की बधाई देते हुए खेल-खिलौने मेवा प्रसाद लुटाया। बृहस्पतिवार की कथा के मुख्य यजमान प्रदीप गर्ग, डिंपल गर्ग व सचिन गर्ग दंपत्ति रहे। इस अवसर पर लाडवा के खंड व पंचायत अधिकारी कंवरभान नरवाल ने आचार्य रजनीश का अभिनंदन किया और बाबा बंसी वाले से आशीर्वाद लिया। कथा में पवन गोयल, अशोक पपनेजा, अनुज गोयल, सुभाष ¨जदल, कुंवर ¨सगला, देशराज मंगला, मनमोहन गर्ग, राजकुमार सैनी, संजय ¨सगला, सोमप्रकाश गर्ग पंचकुला, हरेंद्र ¨सघल, वीरेंद्र ¨सगला, र¨वद्र गुप्ता, राकेश अरोड़ा, पार्षद दर्शन पोपली, जयप्रकाश गर्ग, मुकेश गर्ग, ¨डपल गुंबर, विनय गर्ग, दीपक रहेजा, मेघराज सैनी, ओमबीर बुढ़ा, रेनू ¨सगला, बबीता खुराना, सीमा पपनेजा, संतोष मुकेश गुप्ता, वंदना गर्ग, भारती गर्ग, रेखा गर्ग, ¨पकी गर्ग, रूचि गर्ग, श्वेता कंबोज, मीनाक्षी गर्ग व वर्षा गर्ग उपस्थित थे।