निजी स्कूल ट्यूशन फीस के साथ ले सकते हैं वार्षिक शुल्क, सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाजत
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र जिलेभर के निजी स्कूलों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिलेभर के निजी स्कूलों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए ट्यूशन फीस के साथ वार्षिक शुल्क व अन्य शुल्क लेने की इजाजत दे दी है। वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अभिभावकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। अब निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को स्कूलों में ट्यूशन फीस के साथ वार्षिक शुल्क भी जमा कराना होगा।
निदेशक सेकेंडरी एजुकेशन पंचकूला हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को प्रदेशभर के जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को ई-मेल की आदेशों को सभी निजी स्कूलों में भिजवाने के लिए कहा है। जिला शिक्षा विभाग ने जिलेभर के निजी स्कूलों को पत्र जारी कर दिया है। पत्र जारी होने पर निजी स्कूलों में खुशी का माहौल है, वहीं दूसरी ओर अभिभावकों में रोष है।
विद्यार्थी की फीस कम करने पर स्कूल लेगा फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अब विद्यार्थी की फीस कम करने से लेकर माफ करने तक का फैसला स्कूल मैनेजमेंट पर छोड़ दिया है। अब अगर अभिभावकों को फीस कम या माफ करवानी है तो निजी तौर प्रार्थना पत्र के साथ स्कूल को आग्रह कर सकते हैं। इसमें भी स्कूल ही फैसला लेंगे कि किस बच्चे की फीस कम करनी है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेशों को स्टे कर लिया है। वहीं नए सत्र 2021-22 में सभी निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के साथ वार्षिक शुल्क लेने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही वर्ष 2020-21 की भी ट्यूशन फीस व वार्षिक शुल्क किस्तों पर अभिभावकों से स्कूल ले सकते हैं।
- विनोद कौशिक, उप-जिला शिक्षा अधिकारी, कुरुक्षेत्र