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राष्‍ट्रपत‍ि ने रूमाल से पोंछी आंखें-पूजा-अर्चना के बाद अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का किया शुभारंभ

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का काफिला मंगलवार सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर ब्रह्मसरोवर पहुंचा जहां विद्वान पंडित जन ने उनसे तीर्थ पूजन कराया। इसके बाद उनकी दीर्घ आयु की कामना के लिए मंत्रोच्चारण किया गया। राष्ट्रपति ब्रह्मसरोवर की सुंदरता देख मुग्ध हो गईं।

By Jagran NewsEdited By: Mohammed AmmarPublished: Wed, 30 Nov 2022 02:11 AM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 02:11 AM (IST)
राष्‍ट्रपत‍ि ने रूमाल से पोंछी आंखें-पूजा-अर्चना के बाद अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का किया शुभारंभ
राष्‍ट्रपत‍ि ने रूमाल से पोंछी आंखें-पूजा-अर्चना के बाद अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का किया शुभारंभ

कुरुक्षेत्र, विनीश गौड़। ब्रह्मसरोवर तीर्थ पर पंडित बलराम गौतम ने मंगलवार को जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पूर्वजों व स्वजन की मोक्ष की कामना के लिए अ‌र्घ्य देने की बात कही तो महामहिम की आंखें नम हो गईं। भावुक राष्ट्रपति ने रुमाल से आंखें पोंछी और ब्रह्मसरोवर तीर्थ पर पूर्वजों के लिए सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। वह ब्रह्मसरोवर पर पूरे दस मिनट तक पूजा में तल्लीन रहीं। माता-पिता व अन्य पूर्वजों की स्मृति से बाहर निकलने के बाद वह सामान्य हुईं तो श्रीकृष्ण और अर्जुन के रथ की प्रतिमा के निकट स्थापित श्रीमद्भगवद्गीता को पुष्प अर्पित किए। गीता यज्ञ में पूर्ण आहुति डाली और इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इसके साथ ही हरियाणा और मध्य प्रदेश पैवेलियन का भी उद्घाटन हो गया।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का काफिला मंगलवार सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर ब्रह्मसरोवर पहुंचा, जहां विद्वान पंडित जन ने उनसे तीर्थ पूजन कराया। इसके बाद उनकी दीर्घ आयु की कामना के लिए मंत्रोच्चारण किया गया। राष्ट्रपति ब्रह्मसरोवर की सुंदरता देख मुग्ध हो गईं। उनको बताया गया कि ब्रह्मसरोवर तीर्थ सृष्टि की उत्पत्ति से ही अस्तित्व में है। चारों युगों में ब्रह्मसरोवर पर अवतारों का आगमन होता रहा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राष्ट्रपति को बताया कि यहां हर माह अमावस्या पर हजारों, लाखों लोग स्नान और दान करने के लिए आते हैं। 

राष्ट्रपति मुर्मु ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्रीमद्भगवद् गीता सदन में अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर मंगलवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने कहा कि श्रीमद्भगवद् गीता संपूर्ण विश्व और मानवता के लिए भारत का एक अमूल्य आध्यात्मिक उपहार है। गीता में सभी वेदों का सार है। उन्होंने कहा कि गीता में जिस कर्म का संदेश दिया गया है प्रदेश सरकार उसी संदेश पर चलते हुए जरूरतमंद की भलाई के लिए कार्य कर रही है। 

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने भी पवित्र ग्रंथ गीता से मार्गदर्शन प्राप्त किया था। यह बड़े हर्ष का विषय है कि प्रदेश की मनोहर लाल सरकार ने वर्ष 2016 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीता जयंती महोत्सव को मनाने का निर्णय लिया। इस वर्ष महोत्सव में पार्टनर देश नेपाल और पार्टनर राज्य मध्यप्रदेश हैं। उन्हें बड़ी खुशी है कि देश ही नहीं विदेशों से भी लोग इस भव्य आयोजन में पहुंचे हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र है। प्रदेश के लिए बड़े गर्व की बात है कि यहां के साहसी जवानों, मेहनती किसानों और बेटियों ने अपने जीवन में गीता के कर्म करने के संदेश को अपनाया है।

जवानों ने देश की सेना में, किसानों ने अन्न पैदा करके और महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिरंगा फहराकर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। हमें इन सभी पर गर्व है। गीता एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय पुस्तक है जिसका विश्व भर में अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। हमें गीता का घर-घर और गांव-गांव में प्रचार व प्रसार करना चाहिए, ताकि लोग गीता के उपदेशों को अपने आचरण में ढाल सकें। 

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