परोपकार जीवन के सभी सुखों को पूरा करता है
कल्याण नगर में स्थित हरिओम आश्रम में श्री कपिल सिद्ध पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी विश्वदेवानंद तीर्थ महाराज पहुंचे। आश्रम के संस्थापक स्वामी सत्यप्रेम जिज्ञासु ने अन्य संत महापुरुषों के सान्निध्य में मंत्रोच्चारण के साथ उनका स्वागत किया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: कल्याण नगर में स्थित हरिओम आश्रम में श्री कपिल सिद्ध पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी विश्वदेवानंद तीर्थ महाराज पहुंचे। आश्रम के संस्थापक स्वामी सत्यप्रेम जिज्ञासु ने अन्य संत महापुरुषों के सान्निध्य में मंत्रोच्चारण के साथ उनका स्वागत किया। शंकराचार्य ऋषिकेश से फतेहाबाद में जाते हुए हरिओम आश्रम में रुके थे। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र की धरती में तो भगवान श्री कृष्ण की वाणी से जल, थल और आकाश के कण कण में मोक्ष है। भगवान की प्रेरणा से धर्म और परोपकार के कार्यों से तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भगवान ने जो जीवन दिया है उसमें धर्म और परोपकार को छोड़ना नहीं चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि जरूरत है कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता के माध्यम से जैसा कहा है उसको जीवन में उतारें। केवल रोटी-रोटी कहने से पेट में रोटी नहीं जाती है। रोटी को भी पेट में उतारने के लिए कर्म करना पड़ता है। धर्म-कर्म को जीवन में उतारे बिना कल्याण नहीं हो सकता है। आज के आधुनिक जीवन में भी वैदिक परंपराओं की आवश्यकता है। हमें दूसरे जीवों को हानि पहुंचाए बिना ही कर्म करना है। इस मौके पर महात्मा विश्वकर्मा नंद, स्वामी सर्वेशानंद, ब्रह्मचारी जगदीश दास, ब्रह्मचारी पितांबर स्वरूप, राजेंद्र कौशिक रामायणी, जितेंद्र कुमार, सोमपाल मलिक, सुरेश पाल, धर्मवीर, राजेंद्रा देवी, सुदेश कुमारी, भारती, भावना, मोहित मौजूद थे।