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अभिभावकों ने दूसरे दिन भी बच्चों के साथ दिया स्कूल के सामने धरना

संवाद सहयोगी, लाडवा : नियम 134ए के तहत पास हुए विद्यार्थियों को एक निजी स्कूल में दाखिला न देन

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 01:38 AM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 01:38 AM (IST)
अभिभावकों ने दूसरे दिन भी बच्चों के साथ दिया स्कूल के सामने धरना

संवाद सहयोगी, लाडवा : नियम 134ए के तहत पास हुए विद्यार्थियों को एक निजी स्कूल में दाखिला न देने से गुस्साए अभिभावकों ने दूसरे दिन शनिवार को भी बच्चों के साथ स्कूल के सामने धरना दिया और प्रदर्शन किया। अभिभावकों में शामिल सुमित गोयल, दीपक प्रभाकर, भारती, हर्ष कमार, अनिल कुमार, प्रवीण ¨सह, विरेंद्र, बलराम, राकेश, मनप्रीत, जस¨वद्र, किशन समेत अन्य लोगों का कहना था कि स्कूल संचालक सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहे हैं। अभिभावकों ने जोरदार नारेबाजी भी की। वहीं मामला गर्माते देख खंड शिक्षा अधिकारी रामेश्चर दास सैनी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्कूल की प्रधानाचार्या बातचीत करने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी से बातचीत की तो मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य भी मौके पर पहुंच गई। उन्होंने अभिभावकों के साथ-साथ प्रधानाचार्या से भी बातचीत की। प्रधानाचार्या ने बताया कि उनका स्कूल सरकार से कोई सहायता नहीं लेता और यह स्कूल अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत सिख अल्पसंख्यक श्रेणी में आता है। जिसके लिए उन्होंने प्रार्थना पत्र व फीस जमा कराई हुई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उनका केस उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में विचाराधीन है और इसका फैसला शीघ्र ही आ जाएगा। उन्होंने कहा कि 134ए का नियम उनपर लागू नहीं होता और न ही वह इस प्रकार के बच्चों को दाखिला देने के लिए बाध्य है। जिला शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने इस मामले को लेकर फोन पर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास से बात की। उन्होंने स्कूल की तरफ से लिखित रुप में ले लिया कि वह सिख अल्पसंख्यक श्रेणी का स्कूल होने के कारण 134ए के तहत बच्चों को दाखिला नहीं दे सकता है।

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पास 333 बच्चों में से 102 बच्चों को अलॉट किया गया ये स्कूल

लाडवा खंड में 134ए के तहत 333 बच्चे उर्तीण हुए हैं और इनमें से भी सबसे ज्यादा 102 बच्चों को यह स्कूल अलॉट किया गया है। गत वर्ष भी इस विद्यालय ने 134ए के तहत बच्चों का दाखिला नहीं दिया था। जिसके चलते इस बार इसी विद्यालय में सबसे ज्यादा खाली सीटें दिखाई गई थी।

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अभिभावकों ने किया जिला शिक्षा अधिकारी का घेराव

स्कूल के सामने धरने पर बैठे अभिभावकों ने उस समय जिला शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य को घेर लिया, जब वह बातचीत करने पहुंची। अभिभावकों ने साफ कहा कि सरकार या तो उनके बच्चों का इस विद्यालय में दाखिला कराए या इसकी मान्यता रद करे। अभिभावकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 24 अप्रैल तक स्कूल में बच्चों का दाखिला नहीं किया गया तो वह न केवल स्कूल पर ताला जड़ देंगे, बल्कि सड़क पर भी जाम लगा देंगे।

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उच्चाधिकारियों के सामने रखेंगी मामला

जिला शिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने बातचीत में बताया कि स्कूल द्वारा दिए गए लिखित पत्र को वह अपने उच्च अधिकारियों को भेज देंगी। 24 अप्रैल को बैठक में इस मुद्दे को उच्चाधिकारियों के सामने रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सिख अल्पसंख्यक का प्रमाण पत्र नहीं आ जाता, तब तक इस स्कूल पर भी नियम 134ए लागू है और कानून का उल्लंघन करने पर स्कूल की मान्यता तक रद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वह हर समय बच्चों के साथ हैं।


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