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माता-पिता और गुरु विद्यार्थी के सबसे बड़े हितैषी : आचार्य देवव्रत

छात्रों के माता-पिता व गुरु उनके सबसे बड़े हितैषी होते हैं। बच्चों के लिए मां देवी, पिता एवं सच्चा गुरु देव के समान है जो हमेशा अपने बच्चों का भला सोचते हैं। उन्हें हमेशा तरक्की करते देखना चाहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 06:32 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 06:32 AM (IST)
माता-पिता और गुरु विद्यार्थी के सबसे बड़े हितैषी : आचार्य देवव्रत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : छात्रों के माता-पिता व गुरु उनके सबसे बड़े हितैषी होते हैं। बच्चों के लिए मां देवी, पिता एवं सच्चा गुरु देव के समान है जो हमेशा अपने बच्चों का भला सोचते हैं। उन्हें हमेशा तरक्की करते देखना चाहते हैं। ये शब्द गुरुकुल कुरुक्षेत्र के 12वीं कक्षा के छात्रों के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहे।

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उन्होंने कहा कि अध्यापक वो चिराग है जो स्वयं जलकर दूसरों के जीवन में प्रकाश करता, सभी छात्रों को जीवन भर अपने अध्यापकों का सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि गुरुकुल में आपको अक्षरज्ञान के साथ-साथ संस्कार और अच्छे विचारों की जो शिक्षा दी गई है। उसे हमेशा याद रखना, क्योंकि बड़े से बड़े स्कूल, कॉलेजों में भी आपको ऐसी शिक्षा नहीं मिलेगी। गुरुकुल में शिक्षा पूरी होने के बाद आपका सामना बाहरी दुनिया के दूषित वातावरण, कुसंस्कारों और नशाखोरी जैसी बुराइयों से होगा। यदि आपने अपने विचार पवित्र रखे तो ऐसी बुराइयां आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती और जीवन में नई ऊंचाइयों को छूएंगे। उत्तम विचार, कड़ी मेहनत और ¨चतन से ही आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर गुरुकुल के प्रधान कुलवंत ¨सह सैनी, निदेशक एवं प्राचार्य कर्नल अरुण दत्ता, सह-प्राचार्य शमशेर ¨सह, जेनेसिस क्लासिज के निदेशक जितेंद्र अहलावत, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य उपस्थित रहे।


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