मंडी में पहुंचा सोना, खरीद पर संशय
इस्माईलाबाद। सरकारी खरीद के इंतजार में किसान धान को अनाज मंडी में सूखाकर गोदामों में रखने लगे हैं।
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : सरकारी खरीद के इंतजार में किसान धान को अनाज मंडी में सूखाकर गोदामों में रखने लगे हैं। मंडी में आवक को लेकर आढ़ती पशोपेश के दौर से गुजर रहे हैं। वहीं काफी किसान तीनों अध्यादेश पर सरकार के रूख का भी इंतजार कर रहे हैं। कुल मिलाकर संशय के दौर में धान का सीजन शुरू हो गया है।
अनाज मंडी में धान की आवक दिन-प्रतिदिन बढ़ने लगी है। किसानों के अनुसार अगले सप्ताह धान से अनाज मंडियां लबालब नजर आएंगी। प्रदेश सरकार ने सरकारी खरीद पर अभी पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में जो किसान इस समय अनाज मंडी में धान लेकर पहुंच रहे हैं। उन्होंने खुद ही नई राह निकाल ली है। ऐसे में किसानों ने धान को सूखाकर मंडी में ही गोदामों में रखना आरंभ कर दिया है। किसान राम कुमार, विनोद कुमार और राज कुमार का कहना है कि वे इस धान को उस समय गोदामों से निकालेंगे जब सरकारी खरीद आरंभ होगी। किसानों का कहना है कि धान की आवक दिन प्रतिदिन बढ़ती जाएगी। ऐसे में सरकार को इस ओर शीघ्रता से ध्यान देना चाहिए। किसान ज्ञान सिंह और तरसेम कुमार का कहना है कि सरकार स्थिति साफ होने तक बिना तुलाई के धान की भराई के लिए बारदाना उपलब्ध कराए, ताकि मंडियों में हालात ना बिगड़ें। वहीं आढ़तियों का कहना है कि सरकार ने अधिक देरी की तो मंडियों में हालात बेकाबू हो जाएंगे। ऐसे में सरकार को समय रहते उचित कदम उठाना चाहिए।
किसान खुद कर रहे सुखाई :कंसल
अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान राजेश कंसल ने बताया कि मंडी में किसान खुद ही धान की सुखाई करवा रहे हैं। अभी आढ़ती किसी प्रकार की खरीद नहीं करवा रहे। उन्होंने बताया कि इस महीने के अंत तक चालीस प्रतिशत धान की आवक हो जाएगी।
नहीं रास आ रहा 1200 का भाव
इस समय जिस परमल धान की कटाई चल रही है उसका खरीददार भाव केवल 1200 रुपये प्रति क्विंटल लगा रहे हैं, जबकि इस धान का सरकारी समर्थन मूल्य 1880 रुपये प्रति क्विंटल है। किसानों को कम भाव रास नहीं आ रहा है। ऐसे में धान को गोदामों तक पहुंचाया जा रहा है।