राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में दैनिक जागरण की ओर से योग दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) के निदेशक पद्मश्री डॉ. सतीश कुमार ने कहा कि भागदौड़ भरी जिदगी और काम के बोझ से तनाव बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से शारीरिक व मानसिक रोगों से इंसान जूझ रहे हैं। योग व्यक्ति का सर्वागीण विकास करने में सक्षम है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) के निदेशक पद्मश्री डॉ. सतीश कुमार ने कहा कि भागदौड़ भरी जिदगी और काम के बोझ से तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से शारीरिक व मानसिक रोगों से इंसान जूझ रहे हैं। योग व्यक्ति का सर्वागीण विकास करने में सक्षम है। योग क्रियाएं करने से जहां व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है वहीं वह मानसिक रूप से भी सबल होता है। यह पूरी तरह से जीवन पद्धति है। जिसके तहत जीवन को जीने पर न केवल स्वास्थ्य लाभ होता है। वे दैनिक जागरण के सहयोग से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। बड़े पैमाने पर लोगों ने योग को अपनाया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से सुबह लोगों ने योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का प्रण लिया। कार्यक्रम में संस्थान परिसर में कार्य करने वाले और रहने वाले 250 से अधिक लोगों ने भाग लिया। शिक्षकों और छात्रों के लिए भागादौड़ भरा होता पूरा दिन
इस दौरान एनआइटी के डीएसडब्ल्यू डॉ. आरएस देसवाल ने कहा कि हर दिन अगर कुछ समय तक योग व प्राणायाम को दिया जाए तो तनाव को कम किया जा सकता है। तकनीकी शिक्षा से जुड़े शिक्षकों और छात्रों के लिए पूरा दिन भागदौड़ भरा होता है। शिक्षकों पर दबाव है कि छात्रों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान करनी है और युवाओं को आगे बढ़ने के लिए बेहतर अंकों के साथ ही अच्छी नॉलेज की चिता बनी रहती है। इससे उभरने के लिए जरूरी है कि योग का सहारा लिया जाए। निट की खेल विभाग अधिकारी डॉ.पल्लवी राय ने कहा कि योग और प्राणायाम लोगों को मानसिक स्थिरता देने के साथ-साथ ऊर्जावान बनाता है। योग दिमाग और शरीर के बीच सामंजस्य बढ़ाता है। कंप्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष ने मंत्रोच्चारण करके कराया हवन
आज के दौर में जहां लोग विज्ञान की तरफ अंधी दौड़ लगाकर अपनी संस्कृति व जड़ों से विमुख होते जा रहे हैं। वहीं निट में कंप्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजेश अग्रवाल ऐसे लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने वाले एक उदाहरण हैं। साइंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजेश अग्रवाल ने न केवल योग दिवस पर हवन कराया और संस्कृत में मंत्रोच्चारण भी खुद ही किए। पूरी धार्मिक वेशभूषा में डॉ. राजेश नजर आए। उन्होंने कहा कि हर मंत्र में अलग शक्ति होती है। जिस तरह योग को आज पूरी दुनिया मान रही है उसी प्रकार मंत्रोच्चारण की शक्तियों पर भी अब रिसर्च होने लगी है।
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