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12 दिनों से कुवि कर्मी हड़ताल पर, आगे भी विद्यार्थियों की परेशानी रहेगी जारी

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में दो सप्ताह से चल रही कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार को भी होगी। इससे विश्वविद्यालय के तीसरे सप्ताह में भी बंद रहने की संभावना बढ़ गई। ऐसे में हजारों विद्यार्थियों को इन दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 01:31 AM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 01:31 AM (IST)
12 दिनों से कुवि कर्मी हड़ताल पर, आगे भी विद्यार्थियों की परेशानी रहेगी जारी
12 दिनों से कुवि कर्मी हड़ताल पर, आगे भी विद्यार्थियों की परेशानी रहेगी जारी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में दो सप्ताह से चल रही कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार को भी होगी। इससे विश्वविद्यालय के तीसरे सप्ताह में भी बंद रहने की संभावना बढ़ गई। ऐसे में हजारों विद्यार्थियों को इन दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है इस पर ध्यान न तो प्रशासन का है और न ही कर्मचारियों का। रविवार को कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल की घोषणा कर बता दिया कि कर्मचारी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। कर्मचारियों ने दो दिनों से चल रही छुट्टियों में भी प्रदर्शन को जारी रखा। रविवार को भी कर्मचारियों ने कुंटिया कार्यालय में एकत्रित होकर कुवि प्रशासन और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पिछले 12 दिनों से कर्मचारी हड़ताल पर हैं, विश्वविद्यालय का काम-काज पूरी तरह से ठप्प पड़ा है, लेकिन प्रशासन और कर्मचारियों के बीच कई दौर की मी¨टग के बाद भी समझौता होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कई प्रकार के दबाव देने के बाद भी कर्मचारी टूटते नहीं दिख रहे। दिसंबर की परीक्षाओं के लिए आवेदनों की अंतिम तिथि

सितंबर में अधिकतर आवेदन करने की अंतिम तिथियां निर्धारित होती हैं। कुवि में पहले ही परीक्षा शाखा लेट लतीफी के लिए जानी जाती है। अगर कर्मचारियों की हड़ताल ऐसे ही जारी रही तो इस बार विद्यार्थियों को दिसंबर तक इसकी दिक्कत होगी। छात्र संगठनों ने अंतिम तिथियों को बदलने की मांग की है। जिनमें प्रमुख रूप से पीएचडी के लिए आवेदन करना, प्राइवेट परीक्षा के लिए आवेदन तिथि आदि हैं। बाक्स

प्रशासन की जोर आजमाइश फेल

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस बार कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ने के लिए कई तरह की दो बार जोर आजमाइश की गई, लेकिन दोनों बार कर्मचारी उलटे ही पड़े। पहले प्रशासन की ओर से कर्मचारियों का वेतन काटा गया, लेकिन कर्मचारी नहीं टूटे। जबकि दूसरी न्यायालय का सहारा लिया गया तो भी कर्मचारियों ने योजना बदल दी। अब कुवि कर्मचारी बिना नेताओं के ही आंदोलन करेंगे। इन नेताओं ने संभाली रविवार को कमान

पूर्व प्रैस सचिव हरि ¨सह, पूर्व कोषाध्यक्ष वकील चंद रंगा व पूर्व उपाध्यक्ष चंदन ¨सह ने रविवार के आंदोलन की कमान संभाली है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रवक्ता जिस प्रकार की बयानबाजी करके अफवाहें फैला रहे हैं वह तर्क संगत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा है कि कोर्ट ने जो आदेश किए हैं वह केवल मात्र जिन 17 कर्मचारियों के खिलाफ सम्मन जारी हुए थे उन्हीं पर कैम्पस के 50 मीटर के दायरे के अंदर धरने-प्रदर्शन में रोक लगी है। वे कुंटिया नेता न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हुए विश्वविद्यालय परिसर से 50 मीटर की दूरी पर अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। इस मौके पर कुंटिया कार्यकारिणी के सदस्य राजबीर, तेजाराम, जयपाल सैनी ने बताया कि कुंटिया ने अपना ज्ञापन पत्र राज्य मंत्री कृष्ण बेदी, इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, पूर्व जिला परिषद के चैयरमैन प्रवीन कुमार व कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप ¨सह सुरजेवाला को भी सौंपा है। इसके अलावा थानेसर विधायक सुभाष सुधा व लाडवा विधायक डॉ. पवन सैनी को भी जल्द ही ज्ञापन सौंपे जाएंगे। इस अवसर पर कार्यकारिणी सदस्य गुरमेल संधू, रामकुमार वर्मा, सनमजीत ¨सह, यशपाल सैनी, जयपाल, ईशम ¨सह, राजेश कुमार, प्रियंका श्योकंद, मंगेश शर्मा, रामपाल, नरेश कुमार व सुरेंद्र मलिक, कृष्ण पांडे, राजकुमार ढींगडा, रूपेश खन्ना, सूरजभान, पुष्पेंद्र तोमर, अर्जुन, बलराम, माणिक चंद, समुंदर यादव, नरेंद्र सारसा इत्यादि मौजूद थे। बाक्स

कुवि प्रशासन ने कर्मचारियों से फिर से की काम पर वापिस लौटने की अपील कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी कर्मचारियों से काम पर वापिस लौटने की अपील की है। कुलसचिव डॉ. नीता खन्ना ने कहा है कि विश्वविद्यालय के कर्मचारी 29 अगस्त से हड़ताल पर हैं जिसके कारण विश्वविद्यालय में काम काज बुरी तरह से प्रभावित हुआ हैं, जिसके कारण विद्यार्थियों को भारी असुविधा हो रही है। सभी कर्मचारियों से अपील की जाती है कि वे विश्वविद्यालय, विद्यार्थी व स्वयं के हित को देखते हुए अपने काम को संभाले।


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