आसान नहीं डगर मुश्किल है सफर
आसान नहीं डगर मुश्किल है सफर जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ग्रुप डी की परीक्षा में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं की डगर आसान नहीं है, क्योंकि मेरिट में आने के लिए उनका मुकाबला प्रदेश के युवाओं के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के युवाओं से भी है।
आसान नहीं डगर मुश्किल है सफर जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ग्रुप डी की परीक्षा में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं की डगर आसान नहीं है, क्योंकि मेरिट में आने के लिए उनका मुकाबला प्रदेश के युवाओं के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के युवाओं से भी है। साथ लगते राज्यों से बड़ी तादाद में युवा नौकरी का सपना लेकर हरियाणा में आए हैं। वे किसी भी तरह अपने ऊपर लगे बेरोजगारी के दाग को धोना चाहते हैं। फिर उसके लिए उन्हें एक हजार किलोमीटर का सफर ही क्यों न तय करना पड़ रहा हो या फिर रात प्लेटफार्म पर गुजारनी पड़ रही हो। मगर वे इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। शुक्रवार देर रात को बड़ी तादाद में दूसरे राज्यों से युवा एक दिन पहले ही कुरुक्षेत्र जंक्शन पर परीक्षा देने के लिए पहुंच गए। रात उन्होंने स्टेशन के ऊपर ही गुजारी। इनमें से कुछ युवाओं के चेहरे पर परीक्षा पास करने का जुनून दिखाई दिया तो किसी के चेहरे पर सुबह जल्दी उठकर केंद्र ढूंढने की ¨चता दिखाई दी। कई युवा प्लेटफॉर्म की लाइट पर बैठे हुए देर रात तक पढ़ते हुए नजर आए। वहीं रात भर आरपीएफ के सुरक्षा कर्मी तैनात रहे। एक हजार किलोमीटर लंबा सफर करके पहुंचा कुरुक्षेत्र तक
फोटो संख्या : 10 बिहार के जिला रोहताश निवासी काशीनाथ पासवान ने बताया कि वह 14 नवंबर को घर से चला था और एक हजार किलोमीटर का सफर करने के बाद 16 नवंबर को कुरुक्षेत्र पहुंचा है। पासवान ने कहा कि हरियाणा में बड़े स्तर पर भर्ती हो रही है और सरकारी नौकरी में इतनी बड़ी भर्ती में प्रवेश के लिए मौका वह नहीं छोड़ सकता। पासवान ने बताया कि उसने बीए कर रखी है और इस परीक्षा के लिए अपने आपको पूरी तरह से तैयार करके आए हैं। अब शनिवार को अगर दिन सही रहा तो वे अपनी मेहनत से इस परीक्षा को अच्छे नंबरों से पास कर लेंगे। इसके लिए उसने एक हजार किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर किया है। 200 किलोमीटर दूर से आया कुरुक्षेत्र
फोटो संख्या : 11 उत्तर प्रदेश के बागपत निवासी देव ने बताया कि वह 200 किलोमीटर दूर से आया है। वह सोचकर आया है कि परीक्षा में टॉप करके ही जाएगा। इसके लिए तैयार है फिर इसके लिए रात भर जागकर स्टेशन पर ही काटनी क्यों न पड़े। मगर उसे उम्मीद है कि शनिवार का उसका दिन बेहतर होगा। इसके लिए वह अपने आपको तैयार करके भी आया है। किसी भी अच्छे काम में कुछ परेशानियां तो आती है। यही समझकर वह आज स्टेशन पर रुका है।