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निट कुरुक्षेत्र की योजना : अगले सत्र में 50 फीसद पढ़ाई ऑनलाइन करवाएंगे शिक्षक

भविष्य की चुनौतियों और लॉकडाउन में पैदा हुए हालातों पर पार पाने के लिए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा हासिल कुरुक्षेत्र के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने अगले सत्र में ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर देने की योजना तैयार कर ली है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 12:12 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:14 AM (IST)
निट कुरुक्षेत्र की योजना : अगले सत्र में 50 फीसद पढ़ाई ऑनलाइन करवाएंगे शिक्षक

विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : भविष्य की चुनौतियों और लॉकडाउन में पैदा हुए हालातों पर पार पाने के लिए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा हासिल कुरुक्षेत्र के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने अगले सत्र में ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर देने की योजना तैयार कर ली है। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों को सत्र की शुरुआत होने से पहले ही 50 फीसद सिलेबस ऑनलाइन स्टडी के लिहाज से तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इतना ही नहीं सरकार की ओर से जारी शारीरिक दूरी की हिदायत को देखते हुए एक समय में संस्थान के 50 फीसद विद्यार्थियों को ही कक्षाओं में बुलाने पर विचार किया जा रहा है। इससे क्लास रूम के साथ-साथ छात्रावासों में भी उचित दूरी को बरकरार रखा जा सकेगा। हालांकि यह सब मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी हिदायतों के अनुसार ही लागू किया जाएगा। परीक्षा की बजाय इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर परिणाम किया जा रहा तैयार

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इससे पहले ही संस्थान की ओर से विभिन्न विभागों में पढ़ने वाले पांच हजार के लगभग विद्यार्थियों को राहत देने के लिए इस साल परीक्षा से छूट दे दी गई है। परीक्षा से छूट देने के बाद संस्थान की ओर से इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर परिणाम तैयार किया जा रहा है। ऐसे में अंतिम वर्ष के उन विद्यार्थियों को काफी राहत मिली हैं, जिन्हें कंपनियों की ओर से जॉब के आफर मिले हैं। संस्थान के 66 फीसद के करीब विद्यार्थियों की प्लेसमेंट पहले ही हो गई है।

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समय के साथ चलना जरूरी

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक पद्मश्री डा. सतीश कुमार ने कहा कि संस्थान की ओर से यह फैसला कोरोना वायरस के चलते विश्व भर में बदले हालातों को लेकर लिया गया है। ऐसे हालातों में संस्थान ने आगे बढ़ने का रास्ता तैयार किया है। संस्थान का मानना है कि अब नई पीढ़ी को भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करना होगा। ऐसे में इन चुनौतियों को ध्यान में रखकर ही योजनाएं बनानी होंगी। इसी के लिए अगले सत्र में 50 फीसद सिलेबस के लिए ऑनलाइन स्टडी को ध्यान में रखते हुए ही शिक्षण सामग्री तैयार करनी होगी।


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