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कोविड 19 के वारयस को समाप्त करने नए-नए तरीकों पर चल रहा है काम : रॉय

डीआरडीओ पूणे के डीन एवं इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिग कंप्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष प्रो. केपी रॉय ने कहा कि आधुनिक समय में कोविड 19 को निष्प्रभावी करने के लिए नए-नए तरीकों पर काम चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 06:10 AM (IST)
कोविड 19 के वारयस को समाप्त करने नए-नए तरीकों पर चल रहा है काम : रॉय
कोविड 19 के वारयस को समाप्त करने नए-नए तरीकों पर चल रहा है काम : रॉय

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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डीआरडीओ पुणे के डीन एवं इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिग कंप्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष प्रो. केपी रॉय ने कहा कि आधुनिक समय में कोविड 19 को निष्प्रभावी करने के लिए नए-नए तरीकों पर काम चल रहा है। उनकी टीम ने भी इसमें सफलता हासिल कर ली है। वह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र में इनोवेशन इन कंप्यूटिग, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिग विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कोविड 19 को निष्प्रभावी करने के लिए विकसित उपकरणों के डिजाइन और तकनीक पर चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने हाइ फ्रिक्वेंस माइक्रोवेव का उपयोग कर वायरलैस तरीके कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन नई दिल्ली के महानिदेशक (एमईडी एवं सीओएस) डा. सुधीर कामत ने भी वेबिनार में अपने विचार रखे। निट के निदेशक पद्मश्री डा. सुधीर कामत ने कहा कि इनोवेशन तकनीकी विकास के संदर्भ में हमारे स्थायी भविष्य की कुंजी है और इस परिवर्तन में इंजीनियरिग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बताया कि आधुनिक अर्थ में इनोवेशन एक नया विचार, रचनात्मक विचार और एक उपकरण या एक विधि के रूप में नई कल्पना है इसलिए इनोवेशन को अक्सर बेहतर समाधानों के अनुप्रयोग के रूप में भी देखा जाता है, जो कि नई आवश्यकताओं, अनारक्षित आवश्यकताओं या मौजूदा बाजार की जरूरतों को पूरा करते हैं। उन्होंने बताया कि इस वेबिनार में देशभर के तकनीकी संस्थानों, विश्वविद्यालयों से 100 के करीब प्राध्यापकों, शोधार्थियों व विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान इनोवेशन इन कम्प्यूटिग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिग विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इस वेबिनार में आइआइटी मद्रास के प्रो. श्रीपद करमालकर, निट राउरकेला के प्रो. डा. अनिमेष विश्वास, संस्थान के डीन (योजना व विकास) प्रो. अखिलेश स्वरूप, प्रो. सतहंस, प्रो. आरपी चौहान मौजूद रहे।


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