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लोभ में गिरने वाला कभी संभल नहीं पाता : योगी नरेश नाथ

संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : गुरू गोरख नाथ धाम के योगी नरेश नाथ महाराज ने कहा कि लोभ ऐसा

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 06:23 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 06:23 PM (IST)
लोभ में गिरने वाला कभी संभल नहीं पाता : योगी नरेश नाथ

संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद :

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गुरू गोरख नाथ धाम के योगी नरेश नाथ महाराज ने कहा कि लोभ ऐसा कुआं है जहां गिरने वाला कभी संभल नहीं पाता है। उसका अनुसरण कर दूसरे भी इसमें उतरने लगते हैं। इसमें फंसने वाला फंसता ही चला जाता है। वे गुरुधाम में सेवकों के बीच बोल रहे थे।

योगी नरेश नाथ महाराज ने कहा कि लोभ के कुएं में भ्रष्टाचार, बड़े पद, असहाय का लाभ उठाने, दूसरे की जेब पर ही नजर रखना इसमें उतरने की रस्सियां हैं। ऐसे कुएं से बचने के लिए अपने विवेक से काम लेकर इन रस्सियों को छूने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेम का महल विश्वास की नींव पर खड़ा होता है। यदि इसमें कहीं गलतफहमी रूपी दरार पड़ जाए तो यह भरभरा कर गिर पड़ता है। कभी न विश्वास तोड़ना चाहिए न दरार को पड़ने का समय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि परमात्मा में स?ाी श्रद्धा व प्रेम भी विश्वास से ही बनते हैं। योगी नरेश नाथ ने कहा कि इंसान को जीवन में गिरने व संभलने के सभी अवसर मिलते हैं। जीवन का एक एक पल कुछ न कुछ सीखने को देता है। जिसे अनुभव का नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि जीवन में सबसे पहले परोपकार का भाव रखने की सीख लेनी चाहिए। इसी से समर्पण का भाव पैदा होता है। इस मौके पर

तेज नाथ, सरपंच संजीव अरोड़ा, प्रहलाद भगत शर्मा, जिला परिषद सदस्य सुरेंद्र माजरी, केवल छाबड़ा व डॉ. विवेक अरोड़ा मौजूद रहे।


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