डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत : कुलपति
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को आने वाली पीढि़यां एक महान शिक्षाविद के रूप में हमेशा याद रखेंगी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को आने वाली पीढि़यां एक महान शिक्षाविद के रूप में हमेशा याद रखेंगी। आज हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर शिक्षा के क्षेत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए ओर अधिक मेहनत करने की जरूरत है। इस पौधे की नींव उन्होंने ही रखी थी। वे सोमवार को उनकी जयंती पर आर्ट फैकल्टी लॉन में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद बोल रहे थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. नीता खन्ना, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पवन शर्मा, यूआइइटी निदेशक डॉ. सीसी त्रिपाठी, डॉ. संजीव अग्रवाल, प्रो. दिनेश राणा, मुख्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. चांदराम जिलोवा, युवा सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के उपनिदेशक डॉ. हितेंद्र त्यागी, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. तरूणा ढल, डॉ. नीलम ढांडा, डॉ. पुष्पा रानी, डॉ. शुचिस्मिता, डॉ. संजीव शर्मा, सूरजभान मलिक, रविथापा, युवा सांस्कृतिक विभाग के डॉ. हर¨वद्र राणा, दिग्विजय मौजूद रहे। बाक्स
सूचना तकनीक का सही करें प्रयोग : प्रो. श्याम कुमार कुरुक्षेत्र : सूचना तकनीक का प्रयोग सकारात्मक रूप से करना चाहिए। तकनीक के अत्याधिक उपयोग व उचित उपयोग के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। ये शब्द कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन अकेडमिक अफेयर प्रो. श्याम कुमार ने सोमवार को प्राचीन इतिहास विभाग में यूजीसी एचआरडीसी व कंप्यूटर विज्ञान विभाग के सहयोग आयोजित 21 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स के उद्घाटन अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में व्यक्त किए। 22 दिसंबर तक चलने वाले इस कोर्स में देशभर के विभिन्न हिस्सों से 60 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। प्रो. श्याम कुमार ने प्रतिभागियों से सकारात्मक अर्थ में आईटी का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कई उदाहरणों देते हुए कहा कि जहां आईटी उपयोगी साबित हो सकती है और इसका उपयोग अत्यधिक हानिकारक हो सकता है। इससे पहले, कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन विभाग के अध्यक्ष प्रो. राकेश कुमार ने उपस्थित प्रतिभागियों और मेहमानों का स्वागत किया। कुवि के यूजीसी-एचआरडीसी की निदेशिका प्रोफेसर नीरा वर्मा ने कहा कि एक शिक्षक के लिए इस तरह के पाठ्यक्रम की नितांत आवश्यकता है। इस अवसर पर, एआईएच के अध्यक्ष प्रो. सुखदेव सैनी, डीसीएसए के प्रो. राजेंद्र नाथ मौजूद रहे।