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अब हरियाणा में आधुनिक सिनेमा हाल पहुंचेंगा गांव की दहलीज पर : कौशिक

बालीवुड कलाकार एवं निर्माता निर्देशक सतीश कौशिक ने कहा कि पुराने समय में लोग फिल्में देखने के लिए सिनेमाघरों में जाते थे लेकिन अब हरियाणा में आधुनिक और वातानुकूलित सिनेमा हाल गांव की दहलीज तक पहुंचेगा ताकि आमजन अच्छे वातावरण में बैठकर फिल्मों के माध्यम से मनोरंजन कर सके।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 07:46 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 07:46 AM (IST)
अब हरियाणा में आधुनिक सिनेमा हाल पहुंचेंगा गांव की दहलीज पर : कौशिक

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : बालीवुड कलाकार एवं निर्माता, निर्देशक सतीश कौशिक ने कहा कि पुराने समय में लोग फिल्में देखने के लिए सिनेमाघरों में जाते थे, लेकिन अब हरियाणा में आधुनिक और वातानुकूलित सिनेमा हाल गांव की दहलीज तक पहुंचेगा ताकि आमजन अच्छे वातावरण में बैठकर फिल्मों के माध्यम से मनोरंजन कर सके। अहम पहलू यह है कि इस योजना से सिनेमा जगत को भी संरक्षित करने का काम किया जा सकेगा।

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वे सोमवार को कुरुक्षेत्र डीसी कार्यालय में डीसी डॉ.एसएस फुलिया से प्रदेश में सिनेमाघरों के नए कंसेप्ट को लेकर चर्चा कर रहे थे। यहां पर 17 मई को रिलीज हुई फिल्म छोरियां छोरों से कम नहीं होती पर बातचीत की और इस फिल्म को पिक्चर टाइम थियेटर के माध्यम से शाहाबाद व आसपास के गांव में दिखाया जाएगा। यह फिल्म बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देने का काम कर रही है। सतीश कौशिक ने कहा कि यह फिल्म समाज को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश देकर अपने सामाजिक दायित्व का भी निर्वाह कर रही है। बॉक्स

थियेटर की प्रथा कम हो रही

निर्देशक सतीश कौशिक ने कहा कि थियेटर की प्रथा और कला धीरे-धीरे कम हो रही है। हरियाणा प्रदेश में केवल गुरुग्राम और फरीदाबाद में ही कुछ थियेटर बचा है, बाकी जिलों में थियेटर अपनी पहचान खो चुका है। इस पहचान को बरकरार रखने के प्रयास किए जाने जरुरी है, ताकि कला, कलाकारों और सिनेमा को संरक्षण मिल सके। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ व गोवा की तर्ज पर हरियाणा प्रदेश में पिक्चर टाइम के कंसेप्ट को लाया जाएगा। बॉक्स

गांवों में बनाएंगे अस्थाई सिनेमा घर

इस योजना के तहत हरियाणा प्रदेश के गांवों में अस्थाई सिनेमाघर स्थापित किए जाएंगे ताकि लोगों को गांव में ही किफायती दामों पर अच्छी फिल्में दिखाई जा सके। गांव में जो अस्थाई सिनेमा घर स्थापित किए जाएंगे, वे वातानुकूलित होने के साथ-साथ सुविधाजनक सीटों व तमाम सुविधाओं से लैस होंगे। यह सिनेमाघर मल्टीप्लैक्स हाल को भी मात देगा। इन सिनेमाघरों के माध्यम से जहां फिल्में दिखाकर लोगों का मनोरंजन किया जाएगा वहीं शिक्षा और संस्कारों से जुड़ी फिल्मों तथा योजनाओं और नीतियों को भी दिखाया जाएगा ताकि योजनाएं आम व्यक्ति तक पहुंच सके। बॉक्स

निर्माता सतीश कौशिक का कहना है कि देश में अब 10 लाख लोगों पर केवल 12 सिनेमाघर ही रह गए है, लेकिन नए कन्सेप्ट से इस क्षेत्र में एक नई क्रांति पैदा होगी। सिनेमाघर कहीं भी और कभी भी देखें जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र धर्मनगरी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है और हजारों पर्यटक रोजाना इस पवित्र भूमि पर पहुंचते है। उनकी इच्छा है कि कुरुक्षेत्र में भी चार या पांच गांवों में सिनेमा हाल स्पॉट चिन्हित किए जाए ताकि कुरुक्षेत्र के लोगों को गांव में जाकर फिल्में दिखाई जा सके।

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