फानों को खेत की मिट्टी में मिलाने के लिए सब्सिडी पर दिए जा रहे आधुनिक कृषि उपकरण : वर्मा
सहायक कृषि अभियंता राजेश वर्मा ने कहा कि खेती में फायदा कमाने के लिए किसान को अब परंपरागत खेती छोड़कर नई तकनीक को अपनाना होगा।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सहायक कृषि अभियंता राजेश वर्मा ने कहा कि खेती में फायदा कमाने के लिए किसान को अब परंपरागत खेती छोड़कर नई तकनीक को अपनाना होगा। नई-नई तकनीकों को अपनाकर किसान खेती को आसान बनाने के साथ-साथ कम जमीन में भी अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से लाखों रुपये की सब्सिडी पर अत्याधुनिक उपकरण मुहैया करवाए जा रहे हैं, जिनके इस्तेमाल से खेत में खड़े फानों को मिट्टी में मिलाया जा सकता है। इससे मिट्टी की सेहत अच्छी होती है और इसमें उत्पादन भी बेहतर रहता है। वह शुक्रवार को सुबह 11:00 बजे से 12:00 बजे तक दैनिक जागरण के सेक्टर 17 स्थित कार्यालय में पहुंच मोबाइल पर किसानों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने किसानों को धान के फानों से लेकर गन्ने की पत्ती तक के प्रबंधन की जानकारी दी।
फानों को मिट्टी में दबाने वाले किसानों को दी जाए सहयोग राशि : गांव कमौदा से प्रगतिशील किसान महावीर सिंह
- प्रदेश सरकार की ओर से फानों की गांठ बनवाकर खेत से बाहर निकलवाने और पोर्टल पर पंजीकरण करने पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ सहयोग राशि दी जा रही है। अब ऐसे किसानों को भी सहयोग राशि जारी किए जाने पर विचार किया जा रहा है जो फानों को खेत में ही मिला रहे हैं। इस पर जल्द फैसला लिया जा सकता है।
कृषि उपकरणों से भी काबू में नहीं आते खेत में खड़े फाने : गांव ज्योतिसर से हेमंत राणा
- घान कटाई के बाद खेत में बचे फानों को मिट्टी में मिलाने के लिए कई अत्याधुनिक उपकरण किसानों को सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा कामयाब सुपर सीडर है। इस सुपर सीडर की मदद से फाने आसानी से खेत की मिट्टी में मिल जाते हैं और इस खेत में किसान आलू व मटर की बिजाई भी आसानी से कर सकते हैं। यह एक बहुउद्देशीय अत्याधुनिक कृषि उपकरण है। परंपरागत कृषि यंत्रों से काबू में नहीं आते फाने : गांव मथाना सुभाष चंद
- परंपरागत कृषि यंत्रों की मदद से फानों को मिट्टी में मिलाने पर किसानों का खर्च कई गुना बढ़ जाता है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से अत्याधुनिक उपकरण किसानों को मुहैया करवाए जा रहे हैं। इन उपकरणों को लेने के लिए जिला का कोई भी किसान कृषि विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर सकता है। हर साल विभाग की ओर से सैकड़ों कृषि यंत्र व्यक्तिगत रूप से 50 फीसद तक की सब्सिडी पर और कस्टमर हायरिग सेंटर के लिए 80 फीसद तक की सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। अवशेष प्रबंधन के लिए कहां से उपलब्ध होते हैं कृषि यंत्र : गांव ज्योतिसर से प्रगतिशील किसान जेएस पाली
- जिला भर में 400 के करीब कस्टमर हायरिग सेंटर बनाए गए हैं, अब 196 नए बनने के बाद इनकी संख्या 600 हो जाएगी। इस सभी सेंटरों पर फानों को मिट्टी में मिलाने के लिए अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं। इन्हीं सेंटरों से संपर्क कर कृषि यंत्रों की मदद से फानों को मिट्टी में मिलाया जा सकता है।
किस तरह से करें फानों का प्रबंधन : गांव उदारसी से किसान हाकम सिंह
- किसान खेत में खड़े फानों को मल्चर चला कर काट सकता है। इसके बाद पलटा हल चला कर इन्हें मिट्टी में दबाया जा सकता है। इस खेत में किसान आलू और मटर की बिजाई भी कर सकते हैं।