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लाडवा में हावी रही बदइंतजामी

उपमंडल का पहला स्वतंत्रता दिवस समारोह प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी व बदइंतजामी की भेंट चढ़ गया। प्रशासन द्वारा समारोह के लिए 500 निमंत्रण पत्र बांटे जाने के बावजूद स्वतंत्रता दिवस समारोह से स्थानीय लोगों ने भी दूरी बनाए रखी, जिससे समारोह में कुछ लोगों को छोड़ कर स्कूली बच्चे व उनके साथ अध्यापक ही कुर्सियां शोभा बढ़ाते दिखे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 01:47 AM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 01:47 AM (IST)
लाडवा में हावी रही बदइंतजामी

संवाद सहयोगी, लाडवा : उपमंडल का पहला स्वतंत्रता दिवस समारोह प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी व बदइंतजामी की भेंट चढ़ गया। प्रशासन द्वारा समारोह के लिए 500 निमंत्रण पत्र बांटे जाने के बावजूद स्वतंत्रता दिवस समारोह से स्थानीय लोगों ने भी दूरी बनाए रखी, जिससे समारोह में कुछ लोगों को छोड़ कर स्कूली बच्चे व उनके साथ अध्यापक ही कुर्सियां शोभा बढ़ाते दिखे। अनाजमंडी में आयोजित उपमंडल स्तरीय समारोह में उपमंडल अधिकारी ने विधायक पवन सैनी की गैर मौजूदगी में ध्वजारोहण किया व परेड की सलामी ली। समारोह के आयोजन को भव्य व सफल बनाने के लिए पिछले 15 दिनों से तैयारी की जा रही थी। समारोह के बाद बदइंतजामी को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारी एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराकर अपना पल्ला झाड़ते रहे। बाक्स

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बैठने के लिए नहीं थी पर्याप्त कुर्सियां, नपा चेयरपर्सन व मार्केट कमेटी अध्यक्ष को भी नहीं मिली जगह स्वतंत्रता दिवस समारोह में लोगों के बैठने के लिए कुर्सियों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। मंच के सामने बनाई डी के पीछे स्कूली बच्चों के लिए कुर्सियों लगाई गई थी, जबकि डी के एक तरफ मुख्यातिथि व अन्य गणमान्यों के लिए तो दूसरी तरफ अन्य अतिथियों के लिए कुछ कुर्सियां लगाई गई थी। डी के दोनों ओर लगी कुर्सियों व सोफों पर प्रशासनिक अधिकारियों व कुछ सत्तारूढ़ दल के नेताओं को ही जगह मिल पाई। समारोह देखने आए अनाजमंडी के आढ़तियों व अन्य शहरवासियों को कुर्सियां न होने के कारण खड़े रहना पड़ा, जिन्हें बाद में वहां से भी हटा दिया गया। लाडवा नगर पालिका की चेयरमैन साक्षी खुराना व मार्केट कमेटी के चेयरमैन मेघराज को भी बैठने के लिए जगह नहीं मिल पाई। बाद में नपा चेयरमैन को तो सोफे पर जगह मिल गई, लेकिन मार्केट कमेटी के चेयरमैन ने सोफों के बाजू पर बैठकर काम चलाया। बच्चों के लिए नहीं थी जलपान की व्यवस्था

समारोह में भाग लेने आए बच्चों के लिए जलपान की व्यवस्था नहीं थी। स्कूली बच्चों को समारोह स्थल पर सुबह आठ बजे बुला लिया गया था और समारोह समाप्त होने तक बच्चे भूखे बैठे रहे। समारोह के बाद बच्चों को खाने के लिए दो-दो लड्डू बांटे गए, जिससे स्कूल प्रबंधकों में रोष देखा गया। समारोह में भाग लेने वाले स्कूलों को दो ग्रुपों में बांटा गया था, जिसमें एक ग्रुप ने मार्च पास्ट में भाग लिया, जबकि दूसरे ग्रुप के स्कूलों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। प्रशासन ने सांस्कृतिक ग्रुप के स्कूलों को तो मंच पर बुलाकर सम्मानित किया और प्रमाणपत्र दिए, लेकिन मार्च पास्ट में भाग लेने वाले स्कूलों को भुला दिया गया।

अलग-अलग विभागों को बांटे गए थे कार्य एसडीएम कंवर ¨सह से मोबाइल पर बात करने की कोशिश की तो उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया। तहसीलदार हरीश कालड़ा ने कहा कि समारोह में विभिन्न विभागों को अलग-अलग कार्य बांटे गए थे और पूरा कार्यक्रम ठीक ढंग से आयोजित हुआ। उन्होंने कहा कि बदइंतजामी को लेकर पूछे गए प्रश्न पर जिस विभाग की जिस काम के लिए ड्यूटी थी, वही विभाग इसका बात का जवाब दे सकता है।


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