ब्रह्मसरोवर के तट पर दिखा लघु भारत
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 का आगाज मंगलवार को हो गया। इसमें ब्रह्मसरोवर के तट पर देश की सांस्कृतिक विरासत को देखा जा सकता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लगी रही।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 का आगाज मंगलवार को हो गया। इसमें ब्रह्मसरोवर के तट पर देश की सांस्कृतिक विरासत को देखा जा सकता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लगी रही। इस महोत्सव में देश-विदेश से आए पर्यटकों और श्रद्धालुओं ने जहां राजस्थानी, पंजाब और हरियाणवी व्यंजनों के साथ-साथ अन्य प्रदेशों के व्यंजनों को चखा, वहीं इस स्वाद को और जायकेदार बनाने में देशभर से आए कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित अन्य मेहमानों ने जैसे ही विधिवत रूप से आगाज किया। इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम और क्राफ्ट मेले को देखने के लिए लोगों की भीड़ बढ़ गई। झारखंड, हिमाचल सहित अन्य प्रदेशों के लोक कलाकारों ने नृत्य से समय बांधा। पंजाब और उत्तराखंड के लोक कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के अधिकारियों की देख-रेख में उत्सव को यादगार बनाने के लिए विभिन्न प्रदेशों के करीब 250 से ज्यादा कलाकार पर्यटकों का मनोरंजन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कुरुक्षेत्र महोत्सव में लोगों का मनोरंजन करने में राजस्थान का कच्ची घोड़ी नृत्य भी अपना रंग दिखा रहा है। कच्ची घोड़ी के कलाकार पूरे ब्रह्मासरोवर पर घूम-घूम कर अपनी लोक कला दिखाने का काम कर रहे हैं।
ब्रह्मासरोवर के तट पर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रदेशों की प्रस्तुति से पर्यटकों को अहसास हो रहा था कि मानो देश की सांस्कृतिक विरासत इस तट पर सिमट गई हो। दिल्ली से आए पर्यटक साहिल का कहना है कि वे पहली बार इस महोत्सव को देखने के लिए पहुंचे हैं। उनके साथ उनके साथी भी यहां के क्राफ्ट मेले के साथ-साथ ब्रह्मासरोवर पर हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने के लिए यहां आए हैं। इस महोत्सव में देश ही नहीं, बल्कि विदेश से भी आए पर्यटकों को उत्सव का आनंद लेते हुए देखा जा सकता है।
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छोटे बच्चों को लुभा रही तोते वाली सीटी
ब्रह्मासरोवर पर लगे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 के अंतर्गत चल रहे क्राफ्ट और सरस मेले में छोटे-छोटे बच्चों को तोते वाली सीटी बहुत भा रही है, बच्चे सीटी को बजाते हैं तो उसमें लगी प्लास्टिक की रोल आसमान को छूने लगती है।