छात्रा के साथ की गई निर्ममता ने फिर याद कराया स्वीटी हत्या कांड
संवाद सहयोगी, पिपली सेक्टर तीन की छात्रा स्वीटी की निर्मम हत्या को अभी शहर भुला नहीं पाय
संवाद सहयोगी, पिपली
सेक्टर तीन की छात्रा स्वीटी की निर्मम हत्या को अभी शहर भुला नहीं पाया था कि झांसा की छात्रा की दर्दनाक हत्या ने फिर लोगों को झकझोर दिया। द¨रदों ने छात्रा क साथ जो किया, उससे लोगों में जबरदस्त रोष है। इस हत्या ने एक बार फिर बेटियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
चार मई 2011 को स्वीटी अपने पिता को सेक्टर पांच से लेने के लिए स्कूटी पर निकली थी। ओपी ¨जदल चौक के समीप काले रंग की गाड़ी में सवार चार अज्ञात युवकों ने उसका अपहरण कर लिया। कुछ दिन बाद उसका क्षत-विक्षत शव इंद्री के पास एक रजबाहे से मिला था। दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने उसके शरीर के कुछ अंगों को नुकसान पहुंचाया था। ऐसे ही झांसा की किशोरी 9 जनवरी को घर से ट्यूशन के लिए निकली थी। द¨रदों ने निर्भय कांड की तरह ही छात्रा से दुष्कर्म करने के बाद उसके शरीर के अंगों को वहशी तरीके से नुकसान पहुंचाया।
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यूं ही मरती रहेंगी हमारी बेटियां
स्वीटी के ताऊ का कहना है कि सरकार बेटियों की सुरक्षा करने में पूरी तरह से विफल हो रही है। न जाने स्वीटी की तरह कितनी बेटियां वहशी द¨रदों का शिकार होकर यूं ही मरती रहेंगी। उन्होंने बताया कि स्वीटी की मौत के बाद से उसके पिता रणधीर ¨सह डर के चलते परिवार के साथ दिल्ली चले गए है। वहीं स्वीटी की मौत की जांच भी निष्पक्ष तरीके से नहीं हुई। पुलिस ने मौके के गवाहों को खत्म कर दिया था। तीन लोगों को आरोपी बनाया, जबकि अपहरण के समय चार लोग कार में सवार थे। अपहरण के समय मौके पर मौजूद चशमदीद गवाह ने पुलिस को चार लोगों द्वारा स्वीटी का अपहरण करने की सूचना दी थी। न ही पुलिस ने मौके के गवाहों को अदालत में पेश किया। हालांकि स्वीटी हत्या कांड में दोषियों को उम्र कैद हुई थी, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं है। ऐसे द¨रदों के लिए फांसी से कम कोई सजा नहीं है। उम्र कैद की सजा के खिलाफ उन्होंने उच्च अदालत में अपील की हुई है।