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महाभारत मेमोरियल में दिखेगी 18 दिन के युद्ध की व्यूह रचना

विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : जिस धरा पर पांच हजार साल पहले महाभारत का युद्ध लड़ा गया था, आज उसी धरा पर युद्ध की व्यूह रचना को दिखाने के लिए भव्य महाभारत वार मेमोरियल तैयार हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 01:55 AM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 01:55 AM (IST)
महाभारत मेमोरियल में दिखेगी 18 दिन के युद्ध की व्यूह रचना
महाभारत मेमोरियल में दिखेगी 18 दिन के युद्ध की व्यूह रचना

विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र :

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जिस धरा पर पांच हजार साल पहले महाभारत का युद्ध लड़ा गया था, आज उसी धरा पर युद्ध की व्यूह रचना को दिखाने के लिए भव्य महाभारत वार मेमोरियल तैयार हो रहा है। इस वार मेमोरियल में तैयार किए गए 18 पटलों पर आकर्षक म्यूरल के माध्यम से आए दिन युद्ध के लिए रचे गए व्यूह को दिखाया जाएगा। महाभारत युद्ध के लिए जहां पांडवों ने पहले दिन वज्रव्यूह की रचना कर अर्जुन और भीम सेना को आगे रखा था, वहीं कौरवों ने सर्वतोमुखा व्यूह की रचना कर युद्ध की शुरुआत की थी। महाभारत युद्ध के शुभारंभ में जहां पहले दो दिन कौरवों ने अपने व्यूह में कोई बदलाव नहीं किया वहीं अंतिम दो दिनों में पांडवों ने भी अपनी व्यूह रचना में कोई बदलाव नहीं किया। अब इसी युद्ध की व्यूह रचना को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और नई पीढी को दिखाने के लिए ब्रह्मासरोवर के उत्तरी-पश्चिमी किनारे पर भव्य वार मेमोरियल तैयार किया जा रहा है।

--- हर दिन का एक म्यूरल बेशक महाभारत का युद्ध अर्जुन पर केंद्रित रहा हो, लेकिन 18 दिन तक चले इस युद्ध में भीम सेना की भी बराबर भूमिका रही है। युद्ध के लिए हर दिन तैयार किए गए नये व्यूह में भीम सेना को सबसे आगे रखा गया है। इसी तरह कौरवों के खेमे से ज्यादातर भीष्म पितामह और गुरु द्रोणाचार्य को आगे की पंक्ति में रखा गया है। कौरवों के व्यूह को धराशायी करने के लिए पांडवों ने कई दिन शिखंडी को भीष्म पितामह के सामने खड़ा किया है। (भीष्म पितामह ने शपथ ले रखी थी कि वह कभी भी किसी महिला पर शस्त्र नहीं उठाएंगे और शिखंडी पिछले जन्म में महिला था और उनकी मौत का कारण भीष्म पितामह बने थे, भीष्म पितामह इतने विद्वान माने जाते थे कि उन्हें सभी के पिछले कई जन्मों तक की जानकारी होती थी)

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तैयार होते ही कुरुक्षेत्र को मिलेगी जबरदस्त पहचान श्रीकृष्णा सर्किट के तहत बनाए जा रहे इस भव्य मेमोरियल के तैयार होते ही कुरुक्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी। कुरुक्षेत्र की धरा पर पहुंचने वाले लाखों पर्यटक यहां पहुंचते ही महाभारत के युद्ध के बारे में जानकारी मांगते हैं। इस मेमोरियल के तैयार होते ही बहुत हद तक पर्यटकों की जिज्ञासा को शांत किया जा सकेगा।

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जोर-शोर से चल रही तैयारियां पर्यटन विभाग के एक्सईएन अनुज ने बताया कि इस वार मेमोरियल को जल्द पूरा करने के लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। अपने आप में यह एक अनूठा और भव्य मेमोरियल होगा। इसके लिए सभी म्यूरल तैयार हो गए हैं, इनको फाइनल टच देने के लिए दिन रात कारीगर कड़ी मेहनत कर रहे हैं।


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