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डा. पंकज शर्मा ने स्कूली शिक्षा को कर दिया सार्थक

श्रीमद्भगवद गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पूर्व छात्र डा. पंकज शर्मा सही मायने में समाज भलाई के कार्य कर अपनी स्कूली शिक्षा को सार्थक कर रहे हैं। अपने शिक्षक की मौत के बाद उसके परिवार को संभालने की बात हो या विदेशों में बैठे पूर्व छात्रों के बुजुर्ग माता-पिता व परिवार का सहारा बनने की बात हो। इन सब जिम्मेदारियों को पंकज शर्मा बखूबी निभा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 05:51 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 05:51 AM (IST)
डा. पंकज शर्मा ने स्कूली शिक्षा को कर दिया सार्थक
डा. पंकज शर्मा ने स्कूली शिक्षा को कर दिया सार्थक

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : श्रीमद्भगवद गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पूर्व छात्र डा. पंकज शर्मा सही मायने में समाज भलाई के कार्य कर अपनी स्कूली शिक्षा को सार्थक कर रहे हैं। अपने शिक्षक की मौत के बाद उसके परिवार को संभालने की बात हो, या विदेशों में बैठे पूर्व छात्रों के बुजुर्ग माता-पिता व परिवार का सहारा बनने की बात हो। इन सब जिम्मेदारियों को पंकज शर्मा बखूबी निभा रहे हैं। अपनी टीम के सेवा में जुटे उनके समाजसेवी कार्याें को देखकर धर्मनगरी ही नहीं विश्व के कई देशों से उनके कार्याें की सराहना हो रही है और सहयोग भी मिल रहा है। लोगों का कहना है कि सही मायनों में शिक्षा वही है जो जरूरतमंद की मदद करना सिखाए और समाज के काम आए। गीता रसोई चला जरूरतमंद तक पहुंचाई मदद

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कोविड काल में विद्या भारती पूर्व छात्र परिषद के साथ जुड़कर उन्होंने एसएमबी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की रसोई में गीता रसोई चलाई। 23 मार्च से शुरू गीता रसोई 17 मई तक चली। इस दौरान हर रोज सैकड़ों लोगों को विद्यालय के गेट पर काउंटर लगाकर भोजन बांटा गया। इतना ही नहीं कई जरूरतमंदों परिवारों को राशन पहुंचाया गया। कोविड के चलते जब जरूरतमंद बच्चों के सामने शिक्षण सामग्री की समस्या आई तो शिक्षण सामग्री की किट बनाकर भी बांटी गई। कोरोना काल में महामारी से डरे जब लोग घरों में दुबके थे, उन्हीं दिनों में डा. पंकज शर्मा, कुलदीप चोपड़ा व टीम के अन्य सदस्यों के साथ दिन-रात जरूरतमंद के साथ खड़े थे। विदेशों बैठे पूर्व छात्रों को भेजे मैसेज

इन दिनों में विदेशों से आवाजाही बंद होने पर उन्होंने सभी पूर्व छात्रों को मैसेज भेजे। उन्होंने सभी पूर्व छात्रों को आश्वस्त किया कि किन्हीं भी परिस्थितियों में उनके परिवारजनों या बुजुर्ग माता-पिता को किसी भी तरह की सहायता के लिए यहां पर पूर्व छात्र तैयार हैं। वह निश्चित होकर उन्हें कोई भी काम बोल सकते हैं। शिक्षक के अनाथ नाती-नातिन को संभाल पेश की मिसाल

डा. पंकज शर्मा के नेतृत्व में पूर्व छात्रों ने सेवानिवृत्त शिक्षक के अनाथ हुए नाती-नातिन को संभाल कर एक मिसाल पेश की है। पूर्व छात्रों ने मिलकर उनके लिए एक नए घर का निर्माण करवाया और उनकी पढ़ाई के खर्च सहित अन्य खर्च की भी जिम्मेदारी संभाली। इससे समाज में एक अच्छा संदेश गया।


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