अच्छी खबर : सरकारी अस्पतालों में स्वीडन से आई मशीन तीन सेकेंड में बताएगी एचबी
एक दो तीन..। सरकारी अस्पतालों से लेकर सब सेंटरों पर अब आपको सिर्फ तीन सेकेंड में अपनी हीमोग्लोबिन (एचबी) रिपोर्ट मिल जाएगी। आपको यह पढ़कर थोड़ा अजीब लग रहा होगा कि सरकारी अस्पतालों में इतनी देर में जांच रिपोर्ट। मगर स्वास्थ्य विभाग ने जिले के मुख्य सरकारी अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में क्यूवेट 59 एचबी मीटर भेजे हैं।
विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : एक, दो, तीन..। सरकारी अस्पतालों से लेकर सब सेंटरों पर अब आपको सिर्फ तीन सेकेंड में अपनी हीमोग्लोबिन (एचबी) रिपोर्ट मिल जाएगी। आपको यह पढ़कर थोड़ा अजीब लग रहा होगा कि सरकारी अस्पतालों में इतनी देर में जांच रिपोर्ट। मगर स्वास्थ्य विभाग ने जिले के मुख्य सरकारी अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में क्यूवेट 59 एचबी मीटर भेजे हैं। जबकि जिले की 272 एएनएम के पास एचबी स्ट्रिप बेस्ड मीटर भेजे गए हैं। क्यूवेट बेस्ड इन मीटरों को स्वीडन से आयात किया गया है। इन दोनों की कीमत 50 लाख रुपये है। यानी सरकारी अस्पताल में कुछ ही सेकेंड में आपको हीमोग्लोबिन की रिपोर्ट मिल जाएगी।
गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए जाने का मतलब है कि घंटों कतार में लगना। पहले चिकित्सक से परामर्श लेने के लिए और फिर दूसरे जांच करान के लिए। ऐसे में अगर यह कहा जाए कि सरकारी अस्पतालों यहां तक कि सब सेंटरों पर भी मरीजों को महज तीन ही सेकेंड में एचबी की रिपोर्ट मिल जाएगी तो ज्यादातर लोगों को इस बात पर विश्वास नहीं होगा। मगर यह बिल्कुल सही है। इससे मरीजों को एचबी के बारे में पता लगाने में होने वाली देरी से तो छुटकारा मिलेगा ही साथ ही रिपोर्ट भी सटीक आएंगी। लेबोरेट्री में मशीन से जांच शुरू
उपसिविल सर्जन डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि सब सेंटरों पर भी एएनएम अब हीमोग्लोबिन की जांच कर पाएंगी। एएनएम और स्कूल हेल्थ टीमों को स्ट्रिप बेस्ड 272 एचबी मीटर दिए गए हैं। जबकि एलएनजेपी मुख्य अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर क्यूवेट बेस्ड 59 बड़े एचबी मीटर भेजे गए हैं। सरकारी अस्पतालों में मशीन से जांच शुरू कर दी गई है। इससे मरीजों को त्वरित और सटीक रिपोर्ट तो मिलेगी ही साथ ही कर्मचारियों का काम भी बहुत आसान हो गया है। महज तीन सेकेंड में मरीजों को उनका एचबी बताया जा सकेगा। इससे पहले इस तरह की मशीन अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी। इस मशीन को रक्तदान शिविरों में भी ले जाया जाएगा, क्योंकि कम एचबी वाले मरीजों का रक्त नहीं लिया जा सकता। मौके पर ही त्वरित जांच होगा।