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एलएनजेपी अस्पताल में मरीजों के बैठने के लिए कुर्सी नही

सुबह के 11 बजे हैं। मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग के एलएनजेपी अस्पताल में बैठने के लिए न तो पर्याप्त कुर्सियां हैं और न ही गर्मी से बचाने के लिए पंखे। मरीज अव्यवस्थाओं के बीच अपना उपचार कराने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 07:50 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 06:37 AM (IST)
एलएनजेपी अस्पताल में मरीजों के बैठने के लिए कुर्सी नही
एलएनजेपी अस्पताल में मरीजों के बैठने के लिए कुर्सी नही

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: सुबह के 11 बजे हैं। मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग के एलएनजेपी अस्पताल में बैठने के लिए न तो पर्याप्त कुर्सियां हैं और न ही गर्मी से बचाने के लिए पंखे। मरीज अव्यवस्थाओं के बीच अपना उपचार कराने को मजबूर हैं। इतनी गर्मी में ओपीडी नंबर 24 के बाहर पंखे तक की व्यवस्था नहीं है। पहले से बीमार मरीज चिकित्सक से उपचार कराने के लिए ओपीडी के बाहर गर्मी में लंबा इंतजार करते रहते हैं। हालांकि दूसरी ओपीडी के बाहर पंखों की व्यवस्था है। ऐसा नहीं है कि एलएनजेपी अस्पताल के अधिकारियों को इसके बारे में पता नहीं है। मरीज से लेकर स्टाफ भी ओपीडी के बाहर पंखा लगाने की अपील कर चुके हैं। एलएनजेपी अस्पताल में ओपीडी के बाहर कुर्सियां लगाई हुई है, लेकिन बहुत बार ये कुर्सियां भी कम पड़ जाती है। मरीजों को नीचे बैठना पड़ता है। सोमवार को खासकर मरीजों की भीड़ अस्पताल में बढ़ जाती है, जिसकी वजह से मरीजों को बैठने के लिए कुर्सियां नहीं मिलती। चिकित्सकों की कमी के कारण असुविधाओं से जूझ रहा सरकारी अस्पताल

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संवाद सहयोगी, शाहाबाद : शाहाबाद के सरकारी अस्पताल में आने वाले लोगों को परेशानी मिल रही है। अस्पताल में सफाई कर्मचारियों से लेकर चिकित्सकों तक का टोटा बना हुआ है। अस्पताल में सात चिकित्सकों की पोस्ट सेंक्शन हैं लेकिन मौजूदा समय में चार ही चिकित्सकों के भरोसे काम चल रहा है। ओपीडी में आने वाले रोगियों की भरमार रहती है लेकिन चिकित्सकों की कमी के कारण उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है। इन्हीं चार चिकित्सकों को झगड़ा, डिलीवरी, सड़क हादसे के मरीजों को भी देखना होता है। दैनिक जागरण प्रतिनिधि जब सोमवार को अस्पताल पहुंचे तो यहां स्थिति साफ हो गई। मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा था। मरीजों को इस बात की चिता सता रही है कि अगर पुराने भवन में चिकित्सकों की कमी को पूरा नहीं किया तो नए भवन में चिकित्सक कहां से आएंगे। सफाई कर्मचारियों के भी छह पद खाली

अस्पताल की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में छह सफाई कर्मचारियों के पद खाली पड़े हैं। वहीं अस्पताल की पूरी सफाई व्यवस्था आउटसोर्सिग कर्मचारियों के भरोसे चल रही है। मरीजों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सारे देश में स्वच्छता अभियान चलाया हुआ है जहां सबसे ज्यादा सफाई और सफाई कर्मचारियों की जरूरत है वहां पर सफाई कर्मियों का टोटा बना हुआ है। रोगियों की शिकायत है कि यहां शौचालयों व पेयजल की दिक्कत है। जिस कारण रोगी परेशान हैं। शौचालय पूरी तरह से साफ नहीं होते और पेयजल का उचित प्रबंध न होना रोगियों की चिता का कारण बना है। लोगों ने मांग की है कि शौचालयों को बेहतर बनाया जाए ताकि यहां आने वाले लोगों को शौचालयों व पेयजल के लिए भटकना न पड़े। चिकित्सक कर रहे रोगियों का उपचार : डॉ. कुलदीप

अस्पताल के चिकित्सक डॉ. कुलदीप ने बताया कि अस्पताल में चार डाक्टर मौजूद हैं जो बेहतरीन ढंग से आने वाले रोगियों को उपचार दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आ रही दिक्कतों व समस्याओं के बारे में आलाधिकारियों को सूचित किया जा चुका है। सभी समस्याओं का समाधान जल्द हो जाएगा।


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