Move to Jagran APP

संस्कृति भवन साहित्य-सेवा सम्मान से अलंकृत हुए साहित्यकार

भारत सरकार के वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग अध्यक्ष प्रो. अवनीश कुमार ने कहा कि भाषा और गणित दो ऐसे विषय हैं जिसमें पारंगत हुए बिना स्वयं की और राष्ट्र की उन्नति नहीं हो सकती। हमें अपनी भाषा और गणित में पारंगत होना ही होगा। वह मंगलवार को विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में आयोजित साहित्य विमोचन एवं साहित्यकार सम्मान समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 08:20 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 08:20 AM (IST)
संस्कृति भवन साहित्य-सेवा सम्मान से अलंकृत हुए साहित्यकार
संस्कृति भवन साहित्य-सेवा सम्मान से अलंकृत हुए साहित्यकार

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : भारत सरकार के वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग अध्यक्ष प्रो. अवनीश कुमार ने कहा कि भाषा और गणित दो ऐसे विषय हैं, जिसमें पारंगत हुए बिना स्वयं की और राष्ट्र की उन्नति नहीं हो सकती। हमें अपनी भाषा और गणित में पारंगत होना ही होगा। वह मंगलवार को विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में आयोजित साहित्य विमोचन एवं साहित्यकार सम्मान समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। ज्ञान विज्ञान की अभिव्यक्ति हमें अपनी भाषा में करनी चाहिए। भाषा, संस्कृति और विकास आपस में जुड़े हुए हैं। थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में बदलाव लाना है तो उसे ऐसी पुस्तकें दी जाएं तो उसका जीवन अवश्य उच्जवल होगा। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान की पुस्तकें संस्कारप्रद हैं। इन्हें पढ़ने से बच्चों में अच्छे संस्कार आते हैं। विद्या भारती में सद्साहित्य लिखने वाले साहित्यकारों को सम्मानित कर वे स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं।

loksabha election banner

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ला ने कहा कि वर्तमान समय में भारत में ज्ञान परंपरा, भारत में शिक्षण प्रवृत्ति, भारत में शिक्षा का उद्देश्य किन संदर्भों में होना चाहिए, उसको देखना है तो गांधी, विनोबा एवं दीनदयाल की परंपरा में देखा जा सकता है। इस मौके पर शैक्षिक एवं बाल साहित्य पर आधारित 21 पुस्तकों का विमोचन किया गया। इस अवसर पर पुस्तकों के लेखकों को संस्कृति भवन साहित्य-सेवा सम्मान से अलंकृत किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ. रामेंद्र ने अतिथियों का परिचय कराया। संस्थान के सचिव अवनीश भटनागर ने विमोचन हेतु प्रस्तुत पुस्तकों का परिचय एवं उनके लेखकों की जानकारी दी। इस अवसर पर संस्थान के संगठन सचिव श्रीराम आरावकर, अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय मंत्री शिवकुमार, संस्थान के अध्यक्ष डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी, यूआईईटी के निदेशक सीसी त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में संस्थान के कोषाध्यक्ष डॉ. पंकज शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.