संतों के वचनों को मानने से जिदगी संवरती है : मंजीत
संत निरंकारी मिशन की प्रचारक बहन मंजीत कौर ने कहा कि संतों महात्माओं के मुख से निकले वचन से इंसान का जीवन संवर जाता है। इंसान हमेशा संतों के बताए रास्ते पर चलते अपने जीवन को सफल बनाने प्रयास करते रहना चाहिए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : संत निरंकारी मिशन की प्रचारक बहन मंजीत कौर ने कहा कि संतों महात्माओं के मुख से निकले वचन से इंसान का जीवन संवर जाता है। इंसान हमेशा संतों के बताए रास्ते पर चलते अपने जीवन को सफल बनाने प्रयास करते रहना चाहिए। वह रविवार को संत निरंकारी भवन में आयोजित सत्संग में प्रवचन कर रही थी। उन्होंने ज्ञान पर बोलते हुए कहा कि पारस को सुना है, लेकिन किसी ने पारस को देखा नहीं, कल्प वृक्ष को सुना है लेकिन उसे देखा नहीं। यह सभी को पता है कि अगर किसी लोहे को पारस से साथ रख दिया जाए तो वह सोना बन जाता है। सद्गुरु भी पारस का काम करता है और इंसान को प्रभु का ज्ञान देकर महात्मा बना देता है। जिससे वह प्रभु की बंदगी का आनंद प्राप्त होता है । इस अवसर पर नगर परिषद की अध्यक्ष उमा सुधा ने भी संगत के सामने अपने विचार रखे और संतों से आशीर्वाद लिया। कुरुक्षेत्र शाखा के संयोजक महात्मा केवल कृष्ण अरोड़ा ने बहन मंजीत कौर का कुरुक्षेत्र पहुंचने पर स्वागत किया व तिलक राज ने मंच संचालन किया। इस अवसर अश्वनी सोही, रिकू अमीन व श्रेया कल्याण ने भी विचार रखे।
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