प्रशासन और मेस कर्मचारी यूनियन ने रखा पक्ष
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मैस कर्मचारियों की ओर से डीसी रेट की मांग के मामले में शुक्रवार को एडीसी वीणा हुड्डा के सामने दोनों पक्षों अपनी-अपनी बात रखी। दोनों पक्षों की ओर से पहुंचे वकीलों ने अपनी-अपनी दलील दी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मेस कर्मचारियों की ओर से डीसी रेट की मांग के मामले में शुक्रवार को एडीसी वीना हुड्डा के सामने दोनों पक्षों अपनी-अपनी बात रखी। दोनों पक्षों की ओर से पहुंचे वकीलों ने अपनी-अपनी दलील दी। एडीसी के पूछे जाने पर जहां मैस कर्मचारियों के वकील ने कहा कि मैस कर्मचारी केवल सरकार की ओर से तय डीसी रेट और लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं। कुवि प्रशासन उन्हें बार-बार टरका रहा है। इसके जवाब में कुवि के वकील ने कहा कि वह उन्हें मानदेय के साथ खाना और रहने सहित कई अन्य तरह के लाभ दिए जा रहे हैं, अगर इन सब की कीमत लगाई जाए तो वह डीसी रेट से भी अधिक बनती है।
इस पर बात पर मैस कर्मियों के वकील ने कहा कि जिन सुविधाओं को दिए जाने का जिक्र किया जा रहा है उनके बारे में कभी मेस कर्मियों ने कोई डिमांड नहीं की है और जो डीसी रेट की डिमांड की जा रही है उसे पूरा नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मैस कर्मियों की एक ही मांग है और वह डीसी रेट दिए जाने की है। इसी मांग को लेकर इन्होंने अदालत के सामने मामला उठाया है। दूसरी ओर कुवि के वकील बोले की उन्होंने इसके लिए प्रदेश सरकार को पत्र भेज रखा है। यह बात वह पहले भी बता चुके हैं। प्रदेश सरकार की ओर से सहमति मिलने और बजट की व्यवस्था होने पर ही मैस कर्मियों को इनकी मांग अनुसार वेतन दिया जा सकता है। प्रदेश सरकार की ओर से जैसे आदेश जारी होंगे, उन्हें तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया जाएगा। इस मौके कुवि मैस कल्याण कर्मचारी यूनियन के प्रधान रामप्रकाश, उपप्रधान अमन कुमार, महासचिव सुभाष पारचा, कोषाध्यक्ष उमा शंकर भी मौजूद रहे।