अध्यात्म के अनूठे संगम का संदेश दे रही कुंभ प्रदर्शनी
देश में चार स्थानों पर ही कुंभ स्नान का महत्व माना जाता है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: देश में चार स्थानों पर ही कुंभ स्नान का महत्व माना जाता है, लेकिन धर्मनगरी कुरुक्षेत्र भी कुंभ महत्व से अछूती नहीं है। जिन 12 स्थानों पर कुंभ कलश को छिपाया गया था, उनमें कुरुक्षेत्र भी शामिल है। लिहाजा कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के साथ कुंभ स्नान का भी विशेष महत्व है। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में कुरुक्षेत्र कुंभ प्रदर्शनी में पर्यटकों को कुंभ स्नान के साथ ज्ञान गीता व अध्यात्म के अनूठे संगम का संदेश दे रही है। पूर्व विधायक डा. पवन सैनी ने सोमवार को कुंभ प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में भी कुंभ स्नान का महत्व है। शास्त्रों व कुंभ पर्व निर्णय ग्रंथ के अनुसार सूर्य, चंद्र एवं गुरु योग से वृश्चिक राशि में कुरुक्षेत्र कुंभ का आयोजन होता है। इस दिन स्नान, दान, दर्शन, जप, पूजन, हवन, कीर्तन, तर्पण व पिडदान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन से अमृत कुंभ निकला था।