प्रेक्टिकल से ही सीखते हैं बच्चे : जितेंद्र दास
कुरुक्षेत्र पैनोरमा एवं विज्ञान केंद्र के शिक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार दास ने कहा कि किताबी दुनिया से बाहर जब बच्चे प्र्रेक्टिकल करते हैं तो उससे वे ज्यादा बेहतर तरीके से चीजों को समझते-सीखते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पैनोरमा में दो शिविर आयोजित किए गए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र पैनोरमा एवं विज्ञान केंद्र के शिक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार दास ने कहा कि किताबी दुनिया से बाहर जब बच्चे प्र्रेक्टिकल करते हैं तो उससे वे ज्यादा बेहतर तरीके से चीजों को समझते-सीखते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पैनोरमा में दो शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए पांच संकाय उपलब्ध थे। दास पैनोरमा एवं विज्ञान केंद्र में ग्रीष्मकालीन अभिरूचि शिविर के समापन पर बोल रहे थे। शिविरों में 120 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की।
उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के ग्रीष्मकालीन अवकाश को बौद्धिक विकास तथा नवाचार में इस्तेमाल के लिए यह शिविर लगाए गए। केंद्र के परियोजना समायोजक के श्रीनिवास नेहरू ने बताया कि तीसरी कक्षा से पांचवीं के लिए रचनात्मक कला कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अवांछनीय एवं खराब वस्तुओं से रचनात्मक कार्य सिखाए गए। छठी से आठवीं कक्षा के लिए वैज्ञानिक खिलौने बनाना, वैदिक गणित तथा प्रकृति को जानिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भौतिक विज्ञान, गणितीय गणनाओं तथा प्रकृति एवं प्रकृति विज्ञान पर आधारित कार्यकलाप सिखाए गए। इनके अतिरिक्त कक्षा नौवीं एवं 10वीं के विद्यार्थियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स के चमत्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक परिपथ की समझ एवं परिकल्पना के लिए आधारभूत तथ्यों को समझाया गया। इन शिविरों के दौरान सभी विद्यार्थियों को पैनोरमा हाल, विज्ञान दीर्घा, टीवी स्टूडियो इत्यादि का भ्रमण भी करवाया गया। शिविर के समापन अवसर पर परियोजना समायोजक के श्रीनिवास नेहरू ने गणित के साथ खेल विषय पर बच्चों के बौद्धिक विकास को बढ़ाने के लिए विज्ञान व्याख्यान प्रस्तुत किया। सब बच्चों को प्रमाण पत्र दिए गए।