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सरस्वती चैनल के किनारे 10-10 एकड़ में जोहड़ बनाए जाएंगे, डार्क जोन से मिलेगी निजात

हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड डार्क जोन की बड़ी समस्या के समाधान की और बढ़ा है। बोर्ड ने इसके लिए सरस्वती चैनल के किनारे यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में 20 जोहड़ बनाने का फैसला लिया है। तालाब 10-10 एकड़ में होंगे। बोर्ड इसके लिए बाकायदा ग्राम पंचायतों का सहयोग लेगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 06:44 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 06:44 AM (IST)
सरस्वती चैनल के किनारे 10-10 एकड़ में जोहड़ बनाए जाएंगे, डार्क जोन से मिलेगी निजात
सरस्वती चैनल के किनारे 10-10 एकड़ में जोहड़ बनाए जाएंगे, डार्क जोन से मिलेगी निजात

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड डार्क जोन की बड़ी समस्या के समाधान की और बढ़ा है। बोर्ड ने इसके लिए सरस्वती चैनल के किनारे यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में 20 जोहड़ बनाने का फैसला लिया है। तालाब 10-10 एकड़ में होंगे। बोर्ड इसके लिए बाकायदा ग्राम पंचायतों का सहयोग लेगा।

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हरियाणा सरस्वती विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने इसको लेकर बुधवार को गांव बोडला व बोहली में सरस्वती के तट पर बन रहे घाट का निरीक्षण किया। ग्रामीणों ने उनका यहा स्वागत किया। उन्होंने कहा कि गांव बोडला व बोहली की ग्राम पंचायत ने सरस्वती चैनल के निकट ग्राम पंचायत की 10-10 एकड़ भूमि पर जोहड़ बनाने का प्रस्ताव पारित किया है। इसी तरह यमुनानगर से लेकर कुरुक्षेत्र तक प्रथम चरण में ग्राम पंचायतों की जमीन पर जोहड़ बनाए जाएंगे। इसके साथ ही सरस्वती नदी के किनारों का सुंदरीकरण किया जाएगा। इससे बरसाती पानी का सरंक्षण किया जा सकेगा और डार्क जोन की समस्या से भी निजात मिलेगी। ग्राम पंचायत के सरपंच को आगे आकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। इनके लिए सरकार हर संभव सहयोग करेगी। सरस्वती के किनारे विश्व को मिली शिक्षा और संस्कार

धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि पवित्र सरस्वती नदी के किनारे पूरे विश्व को शिक्षा और संस्कार मिले हैं। हजारों वर्ष पहले सरस्वती नदी का बहाव कुरुक्षेत्र में रहा और इस पावन धरा पर ही वेदों और पुराणों की रचना की गई। इसलिए इस पवित्र नदी के लुप्त होने के बाद सरस्वती चैनल और सरस्वती नदी के किनारे वर्तमान में स्थित धरोहरों के जिर्णोद्धार का कार्य सबसे पहले किया जा रहा है। आदिबद्री उद्गम स्थल से हरियाणा की माटी से बहने वाली प्राचीनतम सरस्वती नदी को फिर से धरातल पर लाने के लिए बोर्ड का गठन किया गया है। पर्यटक स्थल बनाया जाएगा

धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि बोर्ड के गठन के साथ ही सरस्वती नदी के किनारे स्थलों को पर्यटक और ऐतिहासिक स्थल बनाया जाएगा। इसके लिए कई योजनाओं को शुरू किया गया है। इनमें से कुछ का काम शुरू कर दिया गया है, जबकि कुछ की योजनाओं को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।


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