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जागरण लाइव : चक्कर काटकर घिस गए जूते, अधिकारी नहीं दे रहे राह

जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र सुबह के सवा 11 बजे हैं और बिजली निगम कार्यालय में आने जाने वाले लोगों की भीड़ लगी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 09:55 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:37 AM (IST)
जागरण लाइव : चक्कर काटकर घिस गए जूते, अधिकारी नहीं दे रहे राह
जागरण लाइव : चक्कर काटकर घिस गए जूते, अधिकारी नहीं दे रहे राह

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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सुबह के सवा 11 बजे हैं और बिजली निगम कार्यालय में आने जाने वाले लोगों की भीड़ लगी हुई है। मंगलवार को ज्यादातर लोग या तो ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने की समस्या लेकर पहुंचे या फिर बिजली बिल गलत दिए जाने की समस्या से। इनमें से एक उपभोक्ता ने तो यहां तक कह दिया कि जनवरी में ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाने का आश्वासन मिला था और चौथा महीना चल रहा है मगर न अधिकारी सुनते हैं और न ही कर्मचारी कोई राह दे रहे हैं। बिजली निगम कार्यालय के चक्कर काट-काटकर अब तो जूते भी घिस गए हैं। मगर कोई हल नहीं निकला। ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाने के लिए डेढ़ साल से काट रहा धक्के

फोटो संख्या : 27 शमशेर ने बताया कि डेढ़ साल ट्रांसफार्मर का लोड 16 केवी से बढ़ाकर 22 केवी की मांग बिजली निगम से की थी। इसके लिए जो भी नियम बनते थे उसके मुताबिक प्रक्रिया पर चला। मगर लोड आज तक नहीं बढ़ा। कई महीनों से इसी आस में चक्कर काट रहा हूं कि शायद कोई नेक कर्मचारी मिले और मेरी समस्या का हल हो जाए। ट्रांसफार्मर जनवरी में लग जाने की बात अधिकारियों ने कही थी, लेकिन अब उसे भी चार महीने होने को है। अब सीजन आने वाला है ऐसे में अगर लोड नहीं बढ़ा तो फसल का नुकसान होगा। प्रशासन इसकी तरफ भी ध्यान दे। कोई रीडिग के लिए नहीं आता, बिल अपनी मर्जी का भेज रहा निगम

फोटो संख्या : 28 आदिल ने कहा कि बिजली निगम ने बिल ज्यादा का भेज दिया है। न तो कोई रीडिग लेने के लिए आता है और न ही जांच करने के लिए। बिजली निगम मनमानी रीडिग लिखकर बिल भेज रहा है और परेशानी उपभोक्ताओं को उठानी पड़ रही है। यह जिम्मेदारी बिजली निगम की बनती है कि समय पर रीडिग लेने वाले कर्मचारी रीडिग लेकर जाए और बिल भी समय पर पहुंचाया जाए। पहले जब कर्मचारी भी कम थे और तकनीक में भी हम काफी पीछे थे तब तो सब कुछ सही आता था मगर अब जब सब कुछ आनलाइन हो गया है तो भी बिजली बिलों को बनाने में गलतियां की जा रही है। न जेई मिलता न उच्चाधिकारी बिजली निगम कार्यालय में आए कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके खेतों से ट्रांसफार्मर का सामान चोरी हो गया, दूसरा ट्रांसफार्मर बिजली निगम में रखवा भी दिया था। मगर वह भी खराब हो गया। अब वे काफी समय से उसे ठीक करने के लिए जेई को ढूंढ रहे हैं, लेकिन न संबंधित जेई मिलता है और न ही उच्चाधिकारी।


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