अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में होगा दर्ज
सरस्वती महोत्सव 2021 का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की तैयारी है। झारखंड के प्रोफेसर मोहन आजाद को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जगमहेंद्र सरोहा, पिहोवा : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी के गांव बीएससीटी झारखंड निवासी प्रोफेसर मोहन आजाद आज जिद कर अपने मुकाम पर पहुंचे हैं। आजाद ने 2004 में मदर इंडिया को जेहन में रखकर विश्व की सबसे बड़ी कैनवस पेंटिग (1.5 मीटर लंबी और 4 मीटर चौड़ी) तैयार की थी। इस पेंटिग को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
यह उपलब्धि सिर्फ एक जिद को लगन में परिवर्तित करने पर मिली। उनके मार्गदर्शन में अब अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव को 2021 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए 500 मीटर लंबी कैनवस की पेंटिग बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच है कि अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का नाम पूरे विश्व में हो और सरस्वती थीम पर विश्व की सबसे बड़ी पेंटिग स्थानीय कलाकारों से तैयार करवाई जाए। इसके लिए कलाकारों को लगातार एक साथ प्रशिक्षिण दिया जाएगा। प्रोफेसर मोहन आजाद मुख्यमंत्री के बुलावे पर मुंबई से पिहोवा तीर्थ नगरी में पहुंचे हैं। आम बनाने की जगह बना दी थी अजीब पेंटिग
प्रोफेसर मोहन आजाद ने बताया कि चार साल की उम्र में स्कूल में एक शिक्षक ने आम बनाने के लिए कहा। लेकिन उनसे आम की जगह कुछ अजीब पेंटिग बन गई। शिक्षक ने इसको देखकर कहा कि तुम जिदगी में कभी कलाकार नहीं बन सकते। इस बात को जेहन में रखकर कलाकार बनने का सफर शुरू किया और जेजे स्कूल ऑफ मुंबई फाइन आर्ट्स से डबल एमए पास की और शौक-शौक में कैनवस पेंटिग बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला। वे वर्तमान में बोपारा फाइन आर्ट्स बीएड कॉलेज में सीनियर प्रोफेसर हैं। सरस्वती थीम पर 50 बच्चों ने बनाई पेंटिग
अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में डीएवी कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थानों को पेंटिग बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है। कलाकारों ने मुख्य पंडाल के सामने धरती के नीचे बह रही सरस्वती थीम पर आधारित पेंटिग तैयार की। इसको दूर दराज से आने वाले पर्यटकों को दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।