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अभिनेता यशपाल व अभिनेत्री मेघना मलिक हरियाणवी कलाकारों में भर रहे जोश

कुरुक्षेत्र में शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय हरियाणा लघु फिल्म महोत्सव में 12 देशों की 17 भाषाओं में 65 फिल्में दिखाई जा रही हैं। हरियाणा के नामचीन कलाकार यहां पहुंचे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 14 Apr 2017 02:46 PM (IST)Updated: Fri, 14 Apr 2017 02:46 PM (IST)
अभिनेता यशपाल व अभिनेत्री मेघना मलिक हरियाणवी कलाकारों में भर रहे जोश
अभिनेता यशपाल व अभिनेत्री मेघना मलिक हरियाणवी कलाकारों में भर रहे जोश

जेएनएन, कुरुक्षेत्र। हरियाणा स्वर्ण जयंती उत्सव पर मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर में शुरू हुए हरियाणा अंतरराष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु पहुंचे। उन्होंने इस महोत्सव के उद्देश्य व समृद्ध हरियाणवी विरासत को बचाने पर जोर दिया। चार दिन तक चलने वाले महोत्सव में 12 देशों की 17 भाषाओं में 65 फिल्में दिखा जा रही हैं। इसमें वे फिल्में भी शामिल हैं, जो सिनेमा हॉल तक नहीं पहुंच पाई। बॉलीवुड अभिनेता यशपाल शर्मा व अभिनेत्री मेघना मलिक भी हरियाणवी कलाकारों एवं फिल्म निर्माताओं में जोश भरने के लिए पहुंचे हैैं।

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महोत्सव में 1989 में कमेटी द्वारा चुने गए सर्वश्रेष्ठ कलाकारों और फिल्मों को एचडीएफसी अवार्ड देकर सम्मानित किया, जिनमें सर्वोत्तम फिल्म समीक्षक का अवार्ड रोशव वर्मा व सुशील सैनी को दिया गया। इस अवसर पर महोत्सव के निदेशक धर्मेंद्र डांगी, नकुल, दिनेश गोयल, कमलप्रीत मोदगिल, अर्चना सुहासिनी, रोशन वर्मा, एसपी चौहान, एडीसी धर्मवीर ङ्क्षसह, एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक, एसडीएम पिहोवा पूजा चावरिया व अनूप लाठर सहित अन्य कलाकार मौजूद थे।

लघु फिल्म महोत्सव की शुरुआत गत दिवस शिव-पार्वती की अराधना के स्वांग से की गई। कलाकार सतीश कश्यप और डॉ. संध्या शर्मा के साथ कलाकार प्रवीण, प्रणव, मनु ने शिव पार्वती को लेकर स्वांग की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। महोत्सव में पहुंचे मेहमानों ने तालियां बजाकर इस प्रस्तुति को खूब सराहा। अर्चना सुहासिनी और उनकी टीम के सदस्यों ने हरियाणा में विवाह और अन्य खुशी के मौकों पर गाए जाने वाले परंपरागत लोकगीतों के साथ मेहमानों का स्वागत किया और हरियाणवी लोक नृत्य भी किया।

दर्शकों में अपनेपन का भाव जगाने के लिए फिल्म निर्माण में सुधार आवश्यक : मेघना

अभिनेत्री मेघना मलिक ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति समृृद्धता से भरी है। इसके बावजूद दर्शक हरियाणवी फिल्मों को देखने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसका कारण फिल्म की कमजोर स्टोरी एवं प्रचार भी हो सकता है। इसलिए दर्शकों में अपनेपन का भाव जगाने के लिए फिल्म निर्माण में सुधार आवश्यक है, ताकि दर्शक पूरे चाव के साथ फिल्मों को देखने के लिए सिनेमा तक पहुंचे।

मेघना ने कहा कि हरियाणवी बोली बॉलीवुड में अलग छाप छोड़ चुकी है। हरियाणा की सरजमीं पर दंगल एवं सुलतान ने नई बुलंदियों को छुआ है, इसलिए फिल्म निर्माताओं को इस ओर ध्यान देना होगा।  बॉलीवुड हरियाणवी फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए सबसिडी देने की योजना तैयार कर रही है, जो सराहनीय कदम है।

अहम भूमिका निभाएगा महोत्सव

मेघना मलिक ने कहा कि लघु फिल्म महोत्सव में हरियाणवी फिल्मों को दिखाया जाएगा। इसमें ये फिल्में भी शामिल हैं, जो आज तक सिनेमा तक नहीं पहुंच पाई हैं। दर्शक हरियाणवी संस्कृति के रूबरू होंगे। महोत्सव हरियाणवी संस्कृति को आम लोगों तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाएगा। मेघना ने कहा कि सरकार के साथ उद्योगपतियों को भी कलाकारों को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि रोजगार के साधन बढ़ेंगे और युवा पीढ़ी भी हरियाणवी फिल्मों में काम करने के लिए आगे आएगी।

मिट रहे हरियाणवी सिनेमा इंडस्ट्री के लिए शुरू हुआ स्वर्णिम युग : यशपाल

अभिनेता यशपाल शर्मा ने कहा कि मिटने की कगार पर पहुंच चुकी हरियाणवी सिनेमा इंडस्ट्री का स्वर्णिम युग आने वाला है। उसे पुनर्जीवित करने के लिए कुछ नए प्रयोग होने अभी बाकी है, इंटरनेशनल हरियाणावी फिल्म उत्सव से इसकी हलचल शुरू हो गई है। अब वो दिन दूर नहीं जब हरियाणवी फिल्मों की आमदन भी करोड़ों में होगी। जब मराठी की फिल्म 100 करोड़ रुपये कमा सकती है तो हरियाणवीं फिल्म क्यों नहीं।

यशपाल शर्मा ने कहा कि पंजाबी फिल्म, मराठी, तेलगू इन सब राज्यों की अपनी सिनेमा इंडस्ट्री बहुत पॉपुलर है, क्योंकि वहां के लोग उन्हें पसंद करते हैं। उसी तरह अब हरियाणवी फिल्मों में भी दर्शकों को फुल पैकेज मिले इसकी ओर हरियाणवी सिनेमा इंडस्ट्री कदम बढ़ा चुकी है।

शालीनता और संस्कृति इस इंडस्ट्री की खूबी

यशपाल शर्मा ने उम्मीद जताई है कि उनकी आने वाली लख्मीचंद फिल्म हरियाणवी दर्शकों को जोडऩे में एक अहम भूमिका निभाएगी। इसमें शालीनता और संस्कृति का हमेशा ख्याल रखा गया है और यही इस इंडस्ट्री की भी सबसे बड़ी खूबी है। वो भी यही चाहते है कि जो फिल्म वो अपने परिवार के साथ बैठकर नहीं देख सकता वो वह कतई न बनाएं।

हरियाणवी सिनेमा को एक मंच पर जोड़ेंगे ये महोत्सव

यशपाल शर्मा ने कहा कि एक बार हिसार में इंटरनेशनल उत्सव हुआ और यमुनानगर में हरियाणवी उत्सव। दोनों को जोड़कर पहली बार इंटरनेशनल हरियाणवी लघु फिल्म महोत्सव आयोजित किया गया है। इसके पीछे एक ही उद्देश्य है कि हरियाणवी सिनेमा के लोगों को एक ही मंच पर जोड़ा जाए। 1980 के दशक तक लोग हरियाणवी सिनेमा को बहुत पसंद करते थे इसके बाद से एक ऐसा दौर आया जब हरियाणवी फिल्मों के दर्शकों में गिरावट होती चली गई, लेकिन यह वर्ष नया मोड़ लेकर आया है। कलाकार फिल्मों में अब नए प्रयोग करने के लिए तैयार है।

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