Move to Jagran APP

International Geeta Festival: 18 हजार विद्यार्थियों ने एक साथ किया वैश्विक गीता पाठ

International Geeta Festival के में समापन समारोह के अवसर पर वैश्विक गीता पाठ किया गया। इसमें लगभग 18 हजार विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 01:37 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 08:45 AM (IST)
International Geeta Festival: 18 हजार विद्यार्थियों ने एक साथ किया वैश्विक गीता पाठ
International Geeta Festival: 18 हजार विद्यार्थियों ने एक साथ किया वैश्विक गीता पाठ

जेएनएन, कुरुक्षेत्र। International Geeta Festival (अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव) में समापन समारोह के अवसर पर वैश्विक गीता पाठ किया गया। इसमें विभिन्न स्कूलों के लगभग 18 हजार विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। गीता पाठ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य सहित स्वामी ज्ञानानंद महाराज, जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर अवधेशानंद महाराज, पंजाब से आए बाबा भूपेंद्र, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, सांसद नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार एवं पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, प्रदेश खेल मंत्री संदीप सिंह ने भी हिस्सा लिया।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश के हर जिले में स्कूली बच्चों की ओर से लघु वैश्विक गीता पाठ का आयोजन किया जाएगा। इतना ही नहीं उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और देशभर से आए संत समाज के सामूहिक प्रयास से देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तीन दिवसीय गीता जयंती महोत्सव मनाने के लिए प्रयास शुरू किए जाएंगे।

जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि आज विश्व के सामने यह बात साबित हो गई है कि भारतीय संस्कृति संस्कार विश्वभर में सबसे तेजी से बढ़ने वाली संस्कृति बन गई है। आने वाले 20 से 50 सालों में पूरे विश्व पर भारतीय संस्कृति की छाप होगी और यह सब गीता के संदेश को आत्मसात करने से ही पाएगा। 

गीता देती है मानवता को कर्म का संदेश : नड्डा

इससे पूर्व अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के समापन की पूर्व संध्या पर गत दिवस भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा पहुंचे। उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता केवल धार्मिक ग्रंथ ही नहीं, अपितु जीवन जीने की शैली है। पूरी मानवता को कर्म करने का संदेश देती है। इस पवित्र ग्रंथ से प्रेरणा लेनी चाहिए और उपदेशों को अपने जीवन में धारण करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज से ठीक 5155 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र की ही धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को ही नहीं पूरी मानवता को कर्म करने का संदेश दिया। यह भारत की समृद्धि का प्रतीक है। गीता के उपदेश हर समय और हर काम के लिए प्रासंगिक हैं।

प्रसिद्ध गायक अभिजीत भट्टाचार्य ने सांस्कृतिक संध्या में समां बांधा

इसके बाद प्रसिद्ध गायक अभिजीत भट्टाचार्य ने अपने चिर-परिचित अंदाज में गानों का सिलसिला शुरू किया। उन्होंने मुसाफिर हूं यारों, ना घर है ना ठिकाना.., वादा रहा सनम जुदा न होंगे हम, हमारी चाहतों का मिट न सके फसाना, सुनो न सुनो सुन लो ना.. टनटनाटन टन टन तारा चलती है क्या नौ से बारह... सहित अन्य गीतों के साथ लोगों को अपने साथ बांध लिया। उन्होंने अपनी सोच को सकारात्मक रखने का आह्वान किया। इसके साथ ही संदेश दिया कि आधुनिक समाज में हालातों को देखते हुए गीता के ज्ञान की आज सबसे ज्यादा जरूरत है। गीता का ज्ञान ही समाज के अंधेरे को छांट सकता है।

ब्रह्मसरोवर के घाटों पर उमड़ी भीड़

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शनिवार को ब्रह्मसरोवर के घाटों पर लगे शिल्प और सरस मेले में पर्यटकों की भीड़ उमड़ी। पर्यटकों की इस भीड़ ने मेले में स्टालों से जमकर खरीदारी की। देश भर के विभिन्न राज्यों से पहुंचे कलाकारों ने भीड़ के सामने एक से एक से बढ़कर एक उम्दा प्रस्तुति दी। महोत्सव में शामिल कई शिल्पकारों को राष्ट्रीय, राज्य, संत कबीर दास सहित अन्य अवार्ड मिल चुके हैं।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.