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इजराइल तकनीक से बढ़ेगा शहद का उत्पादन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : देश के पहले एकीकृत मधुमक्खी विकास केंद्र में इजराइल तकनीक

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Nov 2017 12:06 AM (IST)Updated: Sat, 11 Nov 2017 12:06 AM (IST)
इजराइल तकनीक से बढ़ेगा शहद का उत्पादन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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देश के पहले एकीकृत मधुमक्खी विकास केंद्र में इजराइल तकनीक से शहद का उत्पादन बढ़ाया जाएग। प्रदेश में 40 किलोग्राम प्रति बॉक्स शहद का उत्पादन है। इंडो-इजराइल तकनीक से इसे बढ़ाकर 42 किलोग्राम करना है। प्रदेश में शहर की उत्पादक 4000 मीट्रिक टन है। इसके साथ ही एक लाख मधमुक्खी के बक्सों से 1000 मधुमक्खी पालकों द्वारा मधुमक्खी पालन किया जा रहा है। केंद्र का लक्ष्य 1000 मधुमक्खी पालकों से बढ़ाकर 5000 करना है और एक लाख से चार लाख बक्से करना है।

मधु मक्खी विकास केंद्र का उद्घाटन करने के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों को पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक खेती करने का आह्वान किया ताकि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो सके। किसानों की आय बढ़ाने में मधुमक्खी पालन केंद्र मील का पत्थर साबित होगा। किसान शहद व शहद से बने उत्पादों के साथ कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ने से भी अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकें।

कृषि विभाग के प्रधान सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी द्वारा हरियाणा में इंडो इजराइल सहयोग के अंतर्गत स्थापित किये गये उत्कृष्टता केंद्रों तथा इस केंद्र पर स्थापित विभिन्न सुविधाओं व मधुपालन से सम्बन्धित विषयों पर जानकारी दी। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर केपी ¨सह, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ. आरएस हुड्डा, डा. समर ¨सह, डीन डॉ. एसके सहरावत, उपायुक्त सुमेधा कटारिया, पुलिस अधीक्षक अभिषेक गर्ग, जिप चेयरमैन गुरदयाल सुनहेड़ी, डॉ.सीबी ¨सह, डॉ. बीएस सहरावत व उपनिदेशक डॉ. बिल्लू यादव प्रमुख रूप से मौजूद थे।

तकनीक के साथ खेती करने से बढ़ेगा रोजगार : मनोहर

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में पारंपारिक रोजगार को बढ़ावा देने की रिवायत है। मगर लगातार युवा पारंपारिक रोजगार को छोड़ता जा रहा है। इसका कारण जोत घटना है। यदि तकनीक के साथ खेती की जाए तो उत्पादन को बढ़ाने के साथ रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। रासायनिक उत्पादों से पैदावार को बढ़ाया जा रहा है, जो बीमारियों को बढ़ावा दे हा है। पंजाब में भ¨टडा से बीकानेर को जाने वाली रेलगाड़ी का नाम लोगों की जबान पर केंसर एक्सप्रेस हो गया है। इसलिए इन सबको देखते हुए किसानों को विविधिकरण के साथ खेती करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाभ कमाना के लिए दूध में पानी मिलाना नहीं है। इजराइल की तकनीक से उत्पादन बढ़ाने के गुर सीखने चाहिए।

गेहूं व धान की परम्परागत फसलों से अन्य नगदी फसलों की विविधिकरण की इंडो-इजरायल आपसी सहयोग के स्थापित हरियाणा में सब्जी, फल, फुल, डेयरी व शहद के 5 स्थापित उत्कृष्टता केंद्र प्रधानमंत्री के इस विजन को साकार करेंगे। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 वर्षो बाद भी हमारी शिक्षा को संस्कारवान नहीं बनाया गया। भारत लगभग एक हजार वर्षो तक गुलाम रहा तो इजरायल 2 हजार वर्षो तक अरबों का गुलाम रहा, परंतु विश्व के कोने-कोन में बिखरे इजरायल के हर यहूदी द्वारा अगले वर्ष जेरुजल्म मिलने के संकल्प ने एकत्रित किया और आज पूरा विश्व उनके संकल्प को मानता हैं।

भारत-इजराइल की दोस्ती शहद जैसी : कामरॉन

भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कामरॉन ने अपने संबोधन ¨हदी में शुरु किया,

कहा कि भारत इजराइल की दोस्ती को शहद जैसी है।

इसके साथ ही उन्होंने धन्यावाद तुवहाड़ा सभी दा, कहकर संबोधन समाप्त किया। डेनियार कामरॉन ने कहा कि देश में इंडो-इजरायल सहयोग के तहत 14 उत्कृष्ठता केंद्र तथा 18 इंडो-इजरायल की परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसमें से हरियाणा में आज समेकित मधुमक्खी विकास केन्द्र के साथ 5 परियोजनाएं हो गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पहली तरह की एकीकृत मधुमक्खी विकास केंद्र कुरुक्षेत्र के रामनगर में खोलने का उदेश्य भी इंडो-इजरायल सम्बन्धों को शहद की तरह बनाना हैं। उन्होंने मई 2018 में इजरायल में आयोजित एग्रो प्रणाली व एग्रो तकनीक पर आयोजित किए जाने वाली समिट में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल व कृषि मंत्री ओपी धनखड़ को आमंत्रित भी किया।

सूक्ष्म ¨सचाई योजना से विश्व को दिखाई राह : धनखड़

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि इजरायल का का क्षेत्रफल 22 हजार वर्ग किलोमीटर हैं तो हरियाणा का क्षेत्रफल 44 हजार वर्ग किलोमीटर हैं। जनसंख्या भी हरियाणा से कम है और बरसात भी 3 गुणा कम हैं, फिर भी सूक्ष्म ¨सचाई योजना और पानी की हर बूंद का सदुपयोग कर इन्होंने विश्व को राह दिखाई हैं। सितंबर माह में इजरायल के उनके दौरे का जिक्र किया, जिसमें डेयरी प्रबंधन व दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में इजरायल के साथ सहयोग बढ़ाने के समझौते हुए थे।

उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षो में किसानों और गरीबों के हक में जितना वर्तमान सरकार ने किया है, वह इनेलो की 5 साल व कांग्रेस की 10 साल की सरकारों के समय कभी नहीं हुआ हैं।

यह इजराइल तकनीक

आइबीडीसी के उपनिदेशक डॉ. बिल्लू यादव ने बताया कि इजराइल तकनीक से बंबल-बी मधुमक्खी को बढ़ावा दिया जाएगा। इस प्रजाति को बढ़ने से शहद का उत्पादन भी बढ़ेगा। इसके साथ ही कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दिया आएगा। मधुमक्खी कालोनियां यानि छतों के प्रबंधन को बेहतर बनाया जाएगा। इजराइल से मधुमक्खी विशेषज्ञ भी इंडो-इजराइल वर्क प्लान के अंतर्गत तकनीक जानकारियां देने के लिए केंद्र पर पहुंचेगे। शहद निकालने की उत्तम विधि, रायल जैली, बी-विनोम, प्रो-पोलिशव के भंडारण की तकनीक भी मधुमक्खी पालकों को सिखाई जाएगी।

मधुमक्खी पालकों का डाटाबेस होगा तैयार

मिशन के निदेशक डॉ. भगत ¨सह सहरावत ने बताया कि प्रदेश के बी-ब्रीडरों का डाटा बेस तैयार करने के साथ मधुमक्खी पालकों का भी डाटा तैयार किया जाएगा। इसके अतंर्गत हर गांव का सर्वे कराकर मधुमक्खी पालकों का पूर्ण विवरण सहित पुस्तक का संकलन किया जाएगा। राष्ट्रीय बागवानी की वेबसाइट पर भी इनका विवरण अपलोड किया जाएगा।

यह होंगी केंद्र पर सुविधाएं

मधुमक्खी पालन केंद्र पर प्रयोगशाला में शहद की गुणवत्ता को जांचा जाएगा। मधुमक्खियों की बीमारियों व कीटों की पहचान प्रयोगशाला में की जाएगी। शहद मूल्य वृद्धि के लिए शहद से बनने वाले उत्पादन हनी मिल्क, हनी बिस्कुट व हनी आइसक्रीम बनाने की तकनीक युवाओं को सिखाई जाएगी। शहद व शहद से निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए मधु पार्लर की स्थापना की गई है। इसके इसके साथ ही मधुमक्खी पार्क का निर्माण किया गया है, जिस पर वनस्पति की 100 से भी ज्यादा प्रजातियों का रोपण किया गया है, जो मधुमक्खियों को पोलन व नेक्टर उपलब्ध कराने में सहायक होगी।


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